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प्रश्न 3) वर्ग एम्फिबिया का वर्गीकरण कीजिए तथा प्रत्येक समूह के विशिष्ट गण एवं उदाहरण सहित लिखिए|
orकार्डेटा के लक्षण देते हुए वर्ग एम्फिबिया का गणों तक वर्गीकरण कीजिए |
उत्तर -
कार्डेटा के लक्षण (Characters of Chordata) - फाइलम कार्डेटा में द्विपार्श्व सममित (Bilaterally Symmetrical), त्रिस्तरीय (Triploblastic), सगुहीय (Coelomate) व जटिल रचना वाले जंतु आते है | इनमे तीन प्राथमिक कार्डेटा वाले लक्षण जीवन की किसी न किसी अवस्था में पाए जाते है |
प्राथमिक कार्डेटा लक्षण ( Primary Chordates Characters) -
- हेमीकार्डेटा के अतिरिक्त समस्त कार्डेट जन्तुओ में एक ठोस, अखंडीय, लचीली एवं कठोर नोटोकार्ड पायी जाती है |
- पृष्ठ ताल पर खोखली नलिका (Tubolar) जैसी नर्व कार्ड (Nerve Cord) पायी जाती है |
- सभी कार्डेट जन्तुओ में जीवन कि किसी न किसी अवस्था में ग्रसनी विदर (Pharyngeal Gill Slits) की श्रृंखला पायी जाती है |
- कार्डेट जन्तुओ के शरीर के अन्दर मजबूत अस्थियो का बना ढांचा, अन्तः कंकाल (Endoskeleton) उपस्थित होता है |
- प्रायः मलद्वार के पीछे पुछ पायी जाती हैं, जो कुछ प्रौढ़ो में नष्ट हो जाती हैं।
- इसका शरीर प्रायः मेटामेरिकली खंडद्वार (Metamerically segmented) तथा द्विपार्श्व सममित (Bilaterarly symmetrical) होता हैं।
- कार्डेटा मे हृदय आहार नाल के नीचे अधर तल पर होता हैं।
- कार्डेट जंतुओं मे रक्त निवाहिका तंत्र (Hepatic Portal System) उपस्थित होता हैं।
- कार्डेट जन्तुओ के लाल रूधिर कणिकाओ में हिमोग्लोबीन होता हैं, जिसके कारण रूधिर का रंग लाल होता हैं।
- इनमें रक्त का प्रवाह आगे से पीछे की ओर होता हैं।
- कार्डेट जंतुओं में निश्चित देहगुहा (True Coelom) पायी जाती हैं।
- यह तीनों भागों में बंटी हुई होती हैं।
- कार्डेट जंतुओं में केवल दो जोड़ी उपांग (Appendages) पाये जाते हैं।
वर्ग-ऐम्फिबिया
(Class-Amphibia)
वर्ग ऐम्फिबिया को निम्नलिखित गणों (Orders) में विभक्त किया गया है -
1. ऑर्डर (Order) - जिम्नोफिओना या ऐपोडा (Gymnophiona or Apoda)
- ये जीवित अम्फिबियंस है, जो उष्ण कटिबंधीय देशो में मिलते है |
- ये भूमि पर तथा बिलों में रहने वाले जंतु रहते है |
- शरीर वर्गीकृत होता है तथा उपांग अनुपस्थित होते है |
- त्वचा पर शल्क होते है |
- कपाल में डर्मल अस्थिया होती है |
- टिम्पैनम (Tympanum) अनुपस्थित होता है |
- नेत्र अल्पविकसित तथा त्वचीय परत से ढंके रहते है |
- पूंछ अनुपस्थित या अल्पविकसित होती है |
2. ऑर्डर (Order) - युरोडेला या कार्डेटा (Urodela or Chordata)
- पुच्छ पुरे जीवन काल तक बनी रहती है |
- पाद हासित, कभी-कभी पश्च पाद अनुपस्थित होते है |
- त्वचा शल्कविहीन |
- बाह्य क्लोम केवल लार्वा में, किन्तु कभी-कभी प्रौढ़ में भी होते है |
- कशेरुक संख्या में अधिक तथा ऐम्फिसीलस (Amphicoelous) या ऑपिस्थोसीलस (Opisthocoelous) प्रकार के होते है |
ऑर्डर युरोडेला को पांच उप-गणों (Sub-Orders) में वर्गीकृत किया गया है -
(1) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - क्रिप्टोब्रैंकाईडिया (Cryptobranchoidea)
- शरीर चपटा, त्वचा कोमल तथा मोटी होती है |
- गिल्स वयस्क अवस्था में अनुपस्थित |
(2) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - ऐम्बायस्टोमाईडिया (Ambystomoidea)
- इनमे वोमर अस्थि के पश्च किनारों पर अनुप्रस्थ कतारों में लगे छोटे-छोटे दांत पाए जाते है |
- नेत्र पलकों सहित
(3) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - सैलेमेंड्राइडिया (Salamandroidea)
- वर्टिब्री एम्फिसीलस होती है |
- निषेचन क्रिया आतंरिक तथा ये प्रायः विविपेरस होते है |
(4) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - प्रोटीईडा (Proteida)
- शरीर चपटा पूंछ फिन सहित |
- ये स्थायी रूप से लार्वल अवस्था में होते है |
- नेत्रों में पलक नही पाए जाते है |
(5) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - मैन्टीस (Mantes)
- शरीर लंबा तथा इल या सर्प की तरह |
- वयस्क स्थायी रूप से लार्वल अवस्था में रहते है |
- नेत्रों में पलक अनुपस्थित होते है |
3. ऑर्डर (Order) - ऐन्युरा या युकार्डेटा (Anura or Euchordata)
- प्रौढ़ में गुच्छ अनुपस्थित होती है |
- पाद पूर्ण विकसित तथा शरीर का बोझ सहन करने में सक्षम होती है |
- त्वचा शल्कविहीन होती है, किन्तु उस पर विशेष प्रकार के अन्कुरक निकलते रहते है |
- प्रौढ़ में क्लोम तथा क्लोम छिद्र अनुपस्थित होते है |
- कशेरुकाओ की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है |
- प्रौढ़ में श्वसन, त्वचा, फेफड़ो व मुख-गुहा की त्वचा द्वारा होती है |
1. सीरिज (Series) - ऐग्लोसा (Aglossa)
- ये जिहवाविहीन जंतु है |
- युस्टेकियन नलिकाए (Eustachian Tubules) एक सामान्य छिद्र द्वारा ग्रसनी में खुलते है |
- कर्णपटह या टिम्पैनिक डिस्क अनुपस्थित होते है |
- कशेरुकाओ में ऑपिस्थोसीलस सेंट्रम होता है |
- पसलिया स्वतंत्र होती है |
2. सीरिज (Series) - फैनेरोग्लोसा (Phaneroglossa)
- in जन्तुओ में जीव्हा होती है |
- युस्टेकियन नलिकाए अलग-अलग रूप से ग्रसनी में खुलती है |
(1) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - ऐम्फिसीला (Amphicoela)
- कशेरुकाओ में अम्फिसीलास सेंट्रम होता है |
- निषेचन आतंरिक होता है |
(2) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - ऐनोमोसीला (Anomocoela)
- स्वतंत्र पसलिया अनुपस्थित |
- सेक्रल कशेरुका प्रोसीलास प्रकार का होता है |
(3) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - प्रोसीला (Procoela)
- कशेरुका प्रोसीलास प्रकार का होता है |
(4) सब-ऑर्डर (Sub-Order) - डिप्लेसीओसीला (Dillesiocoela)
- कशेरुका प्रोसीलास प्रकार के होते है, किन्तु आठवे कशेरुका का सेंट्रम द्विअवतली (Biconcave) होता है |
- नवे कशेरुका के पार्श्व ताल पर दो कोंडाइल होते है, जिसके द्वारा ये दसवे कोशिका से जुड़ी रहती है |
उदाहरण - राना (Rana)