हॉर्मोन्स के प्रमुख लक्षण
(1) हॉर्मोन्स कम अणुभार वाले एवं जल में घुलनशील रसायन होते हैं।
(2) रासायनिक दृष्टि से यह प्रोटीन, अमीनो अम्ल, पेप्टाइड या स्टीरॉइड होते हैं।
(3) ये बहुत कम मात्रा में अंतः स्त्रावी ग्रंथियों से स्रावित होते हैं और इनकी सूक्ष्म मात्रा ही काफी सक्रिय होती है।
(4) ये ऊतकों में सरलतापूर्वक फैल जाते हैं एवं कोशिका के अंदर आसानी से प्रवेश करते हैं।
(5) ये सामान्यतः प्रत्यक्ष रूप से उपापचयी क्रियाओं में भाग नहीं लेते, बल्कि पूरी क्रियाशीलता को प्रभावित करते हैं।
(6) हॉर्मोन्स रासायनिक क्रियाओं को नियंत्रित ही नहीं करते, बल्कि अपने लक्ष्य अंगों को नियंत्रित करते हैं।
(7) कुछ हॉर्मोन्स शरीर की सभी कोशिकाओं पर प्रभाव डालते हैं, जबकि अधिकांश हॉर्मोन्स शरीर की कुछ सीमित एवं निश्चित कोशिकाओं तक ही प्रभाव डालते हैं।
(8) हॉर्मोन्स का आनुवंशिकी से कोई संबंध नहीं होता है।
(9) अंत: स्रावी ग्रंथियों में बनने के बाद हॉर्मोन्स रक्त संचार में प्रवेश करते हैं और रक्त के साथ सम्पूर्ण शरीर में पहुँच जाते हैं।
(10) हॉर्मोन्स विटामिन के समान कम सान्द्रता में क्रिया करते हैं। इनकी निश्चित मात्रा से कम या ज्यादा मात्रा में स्राव होने से शरीर में विपरीत प्रभाव उत्पन्न करती हैं।
(17) कुछ हॉर्मोन्स का कार्य बहुत तेजी से होता है और वे शीघ्रता से नष्ट भी हो जाते हैं।
(12) हॉर्मोन्स शरीर में कुछ प्रकार की क्रियाओं को प्रभावित करते हैं, लेकिन कभी भी इन क्रियाओं को प्रारम्भ नहीं करते हैं।
(13) हॉर्मोन्स शरीर के द्रव्य संगठन एवं अन्य क्रियाओं पर नियंत्रित प्रभाव रखते हैं।
(14) हॉर्मोन्स, तंत्रिका तंत्र की भूमिका को प्रभावित करते हैं।
(15) कुछ हॉर्मोन्स अपने कार्य को अन्य हॉर्मोन्स की उपस्थिति पर ही कर पाते हैं।