व्याख्यात्मक शैली तथा विवरणात्मक शैली में अंतर
व्याख्यात्मक शैली - सूत्रात्मकता होती है, सूत्रों की व्याख्या उदाहरणों द्वारा करके कथन स्पष्ट किया जाता है।
विवरणात्मक शैली - यथातथ्य निरूपण होता है। उदाहरणों की आवश्यकता नहीं होती है।
व्याख्यात्मक शैली - इसमें वर्णन पाया जाता है, किन्तु उसका क्षेत्र व्याख्याकार के ज्ञान और रुचि के अनुसार बढ़ता रहता है।
विवरणात्मक शैली - व्याख्या की तुलना में इस शैली में विवरण सीमित होता है।
व्याख्यात्मक शैली - विकल्पनात्मक शब्द प्रयोग से कथन विस्तार होता है।
विवरणात्मक शैली - विकल्पनात्मक शब्द प्रयोग नहीं होते, न ही कथन विस्तार की जरूरत होती है।
व्याख्यात्मक शैली - वर्णन का ही सरल रूप है।
विवरणात्मक शैली - व्याख्यापरक का संक्षिप्त रूप है।
व्याख्यात्मक शैली - मिश्र व संयुक्त वाक्य प्रयोगों से कथन का विस्तार होता है।
विवरणात्मक शैली - सरल छोटे-छोटे वाक्यों से वर्णन को प्रमुखता दी जाती है।
व्याख्यात्मक शैली - इसमें पुनरावृत्ति होती है।
विवरणात्मक शैली - इसमें पुनरावृत्ति का अभाव होता है।
व्याख्यात्मक शैली - व्याख्या के कई रूप हैं।
विवरणात्मक शैली - इसमें केवल दो रूप हैं - प्रत्यक्ष कथन और अप्रत्यक्ष कथन ।
व्याख्यात्मक शैली - वक्ता तटस्थ नहीं होता।
विवरणात्मक शैली - वक्ता तटस्थ होता है, जैसा देखता या सुनता है वैसा ही वर्णन करता है।
व्याख्यात्मक शैली - सम्भावनार्थक संरचनाएँ पायी जाती हैं।
विवरणात्मक शैली - निश्चयार्थक संरचनाएँ होती हैं।
व्याख्यात्मक शैली - धर्म, दर्शन, राजनीति तथा शिक्षण क्षेत्र में उपादेय है।
विवरणात्मक शैली - वैज्ञानिक विषय के प्रतिपादन में सर्वाधिक उपयुक्त है।
व्याख्यात्मक शैली - अलंकारिक शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है।
विवरणात्मक शैली - अलंकार युक्त संरचनाएँ इसमें नहीं होती हैं।