हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक परिचय

हरिवंश राय बच्चन प्रखर कवि थे। सामाजिक चेतना का समावेश उन्होंने अपनी कृतियों में बहुत ही आकर्षक ढंग से किया। उनकी कृति 'दो चट्टानें' के लिए उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपनी आत्मकथा को चार खण्डों में लिखा है। सन् 1975 में उन्हें प‌द्मभूषण की उपाधि प्रदान की गई।

भाषा शैली - इलाहाबाद में जन्मे हरिवंश राय जी की भाषा शुद्ध साहित्यिक खड़ी बोली है। भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी। इंग्लैण्ड के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उनकी रचनाओं में संस्कृत की तत्सम शब्दावली के साथ-साथ अंग्रेजी, फारसी, उर्दू भाषा के शब्दों का समुचित प्रयोग हुआ है। इसी कारण इनका साहित्य लोकप्रिय साहित्य की श्रेणी में रखा जाता है।

अलंकार - प्रेम, सौंदर्य और उल्लास का अनूठा संगम बच्चन जी की कृतियों में दृष्टिगोचर होता है। इन्होंने जिस तरह से अलंकारों का प्रयोग किया है, उससे कृतियों में निखार और सौंदर्य उत्पन्न हो गया है।

बिम्ब योजना - कवि की कल्पना का अनुमान बिम्ब योजना से लगाया जाता है। बच्चनजी की रचनाओं में सामाजिक, राजनीतिक और इन्द्रिय बोधक बिम्बों का सफल प्रयोग हुआ है।

रस - बच्चन जी की रचनाओं में श्रृंगार रस, करुण रस के दर्शन होते हैं। अपनी रचनात्मकता को प्रकट करने के लिए उन्होंने अनेक रस की अभिव्यंजना की है।