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जीव विज्ञान - प्रोकरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell in Hindi)

प्रोकरियोटिक कोशिका - Prokaryotic cell

प्रोकरियोटिक कोशिकाएं अपार्थिवी पर सबसे पुरानी और सर्वाधिक प्रचलित जीवाणु हैं। इनकी सामान्य संरचना में कोशिका गोलकार होती है जिसमें एक ही कोशिकामण्डल (न्यूक्लीओटाइड) और अनुयायी रसायनिक प्रक्रियाएं होती हैं। प्रोकरियोटिक कोशिकाएं आमतौर पर बैक्टीरिया और एचाईयोटिक की श्रेणी में आती हैं। इन कोशिकाओं में न्यूक्लियस (नाभिककोश), जीरक (मिटोकोंड्रिया), क्रोमोसोम (जीनेटिक मार्कर), और शेथक (फ्लैगेला) जैसे अतिरिक्त संरचनाएं नहीं होती हैं।

प्रोकरियोटिक कोशिकाएं एक सेल वॉल द्वारा चारों ओर से आवरणित नहीं होती हैं, और अक्सर एक सेल मेम्ब्रेन द्वारा घिरी होती हैं। इनमें संक्रमक ऊर्जा उत्पादन, प्रकाश संवेदनशीलता, एक्सचेंज प्रक्रिया और विभिन्न अनुयायी रसायनिक प्रक्रियाएं होती हैं। प्रोकरियोटिक कोशिकाओं के उदाहरण में बैक्टीरिया और एचाईयोटिक शामिल होते हैं।

प्रोकरियोटिक कोशिकाएं विभिन्न रसायनिक संरचना और संगठनों के साथ आती हैं, जैसे कि रीबोसोम (प्रोटीन संश्लेषण करने के लिए जवांतर रचनात्मक संरचनाएं) और पिली (संपर्क के लिए प्रयुक्त होती है)। ये संरचनाएं प्रोकरियोटिक कोशिकाओं की विशेषताएं हैं जो उनकी संजीवनशीलता, प्रकृति और उद्देश्यों पर निर्भर करती हैं।