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घुलित ऑक्सीजन पर टिप्पणी (Comments on Dissolved Oxygen: D.O. in Hindi)

घुलित ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen: D.O.)

जल में घुलित ऑक्सीजन को ही घुलित ऑक्सीजन कहते हैं। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि D.O., ऑक्सीजन की वह मात्रा है जो जल में मुलित होती है तथा जलीय जीवों को श्वसन क्रिया हेतु उपलब्ध होती है। जल में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा के आधार पर जलकाय जैसे-तालाब या झील में उपस्थित जल की गुणवत्ता का पता चलता है।

कुछ जीवाणुओं को छोड़कर अन्य सभी जीवों को श्वसन क्रिया हेतु O, की आवश्यकता होती है। सभी जलीय जीव श्वसन क्रिया में जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में उपस्थित जीवाणु जल में उपस्थित कार्बनिक पदार्थों का अपघटन करने की क्रिया में ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होने पर जलकार्यों का यूट्रॉफिकेशन (Eutrophication) होने लगता है। इस अवस्था में जल में घुलित ऑक्सीजन की कमी हो जाती है तथा यूट्रॉफिकेशन के कारण वह जलकाय (जैसे - तालाब,झील) धीरे-धीरे अपना अस्तित्व खो देते हैं।

घुलित ऑक्सीजन के स्रोत (Sources of Dissolved Oxygen: D.O.)

तालाब, नदियों एवं झीलों जैसे जलकार्यों के लिये ऑक्सीजन के प्रमुख दो स्रोत होते हैं -

1. जलीय जीवों द्वारा होने वाला प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis by aquatic plants) - प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में जलीय जीव सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में वातावरण की CO2 एवं H2O का उपयोग करके कार्बनिक पदार्थ बनाते हैं तथा जल में O, गैस मुक्त करते हैं जो कि जल में मिल जाती है। जलीय पौधे प्रकाश पर निर्भर होते हैं अत: दिन के समय जल में घुलित ऑक्सीजन काफी अधिक होती है जबकि रात्रि में कम हो जाती है।

2. वातावरण से विसरण (Diffusion from atmosphere) - वातावरण में O2 की मात्रा जल से अधिक होती है। अत: वातावरणीय ऑक्सीजन जल की सतह में विसरित होती रहती है।

घुलित ऑक्सीजन की गणना की आवश्यकता (Need to Evaluate Dissolved Oxygen)

सभी जलीय जीवों के द्वारा होने वाले श्वसन के लिए O2 आवश्यक होता है। जल में कार्बनिक पदार्थों की अत्यधिक मात्रा एवं एल्गल ब्लूम (Algal bloom) आदि का जीवाणुओं या सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटन किया जाता है जिसमें सूक्ष्मजीव ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। इस प्रक्रिया के कारण जल में ऑक्सीजन की कमी (हायपॉक्सिया) हो जाती है। अपघटन की प्रक्रिया में जल में घुलित ऑक्सीजन (D.O.) का उपयोग हो जाता है। अतः जल में जलकाय की तलहटी (Bottom) पर O2 का स्तर कम होने के कारण वहाँ पर उपस्थित जीव प्रभावित होते हैं। जल में D.O. का सही स्तर होने पर ही जलकाय में जलीय जन्तु जीवित रह पाते हैं।

घुलित ऑक्सीजन के उपयोग (Uses of (Dissolved Oxygen: D.O.)

जलकायों में D.O. का उपयोग सामान्यतः दो प्रक्रियाओं- श्वसन एवं अपघटन में होता है।

1. श्वसन की प्रक्रिया में जलीय जन्तु O2 का उपयोग करके श्वसन करते हैं तथा ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इस प्रक्रिया में CO, एवं H2O सह-उत्पाद के रूप में बनते हैं।

2. अपघटन की प्रक्रिया में सूक्ष्मजीवों जैसे-जीवाणु, कवक आदि के द्वारा जलकाय में उपस्थित मृत जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल पदार्थों में तोड़ा जाता है। अपघटन की प्रक्रिया में O2 का उपयोग किया जाता है।