कैलस संवर्धन (Callus Culture)

नियन्त्रित (Controlled) प्रायोगिक स्थिति में (Invitro) संवर्धन माध्यम पर कोशिका या कतक द्वारा बनाये जाने वाले कोशिकाओं के असंगठित (Unorganised) एवं अविभाजित (Undifferentiated) समूह को कैलस (Callus) कहते हैं। उच्चवर्गीय पौधों में रासायनिक, यान्त्रिक कारणों से या रोगवाही (Pathogen) को उपस्थिति में भी ऊतकों का असंगठित तथा अविभाजित समूह विकसित होता है, जिसे गॉल (Gall) या वाटं (Wart) या ट्यूमर (Tumour) कहते हैं। पादप ऊतक संवर्धन के क्रम में संरोप (Explant) के कोशिकाओं द्वारा ऑक्जिन तथा सायटोकायनिन की उपस्थिति में तथा अजर्म स्थिति के होने पर कोशिकाओं के असंगठित समूह के रूप में कैलस का निर्माण होता है तथा प्रक्रिया कैलस संवर्धन (Callus culture) कहलाती है।

महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य (Important Historical Events)

(i) गौथेरेट (Gautheret, 1934-37) सामान्य पोषण माध्यम पर कैम्बियम कोशिकाओं से कैलस विकसित करने में सफल हुए।

(ii) नोबेकोर्ट (Nobocourt, 1939) ने अगर (Agar) युक्त अर्द्ध ठोस संवर्धन माध्यम पर असीमित क्षमता में कैलस परिवर्द्धन की तकनीक को विकसित किया।

(iii) स्कूग एवं मिलर (Skoog and Miller, 1957) ने पहली बार प्रायोगिक रूप से प्रमाणित किया कि कैलस का निर्माण हॉर्मोन द्वारा नियन्त्रित होता है। समान अनुपात में ऑक्जिन (Auxin) एवं सायटोकायनिन (Cytokinin) की संवर्धन माध्यम में उपस्थिति कैलस के निरन्तर वृद्धि को निर्धारित करती है।

कैलस प्रवर्धन की तकनीक (Techniques of Callus Culture)

1. एक्सप्लाण्ट (Explant) जैसे- बीजपत्र, हाइपोकोटाइल, मूल (Root), पत्तियाँ (Leaves), तने का भाग (Stem parts) आदि को द्रव डिटर्जेन्ट (Liquid detergent), जैसे-टीपॉल (5% V/V) में धोकर मरक्यूरिक क्लोराइड (0-1% W/V) या सोडियम हाइपोक्लोराइड (0-8%-1.6% ) के द्वारा विसंक्रमणित किया जाता है।

2. एक्सप्लांट के अजमकरण के पूर्व ही चयन किए पोषण माध्यम जो अगर अगर (Agar-Agar) की उपस्थिति के कारण अर्द्ध ठोस संवर्धन माध्यम के रूप में होते हैं जो 15 पौंड दाब पर 15 मिनट तक ऑटोक्लेव में रखकर विसंक्रमणित कर लिया जाता है।

3. विसंक्रमणित एक्सप्लांट को कई बार आसुत जल से धोया जाता है तथा एक्सप्लांट को कल्चर ट्यूब या फ्लास्क में रखे विसंक्रमणित संवर्धन माध्यम पर छोटे-छोटे टुकड़ों में विभक्त कर स्थानान्तरित कर लिया जाता है।

4. संरोपण (Inoculation) पश्चात् संवर्धन माध्यम को नियन्त्रित प्रकाश (2000 से 3000 लक्स) तथा तापक्रम (25 ° 2°) पर ऊष्मायन (Incubation) के लिए रखा जाता है। 5. कैलस के निर्माण की प्रक्रिया के प्रारम्भ होते ही उसे आगामी वृद्धि हेतु ताजे (Fresh) संवर्धन माध्यम पर स्थानान्तरित कर दिया जाता है।

6. कैलस के निर्माण हेतु प्रयुक्त एक्सप्लाण्ट में प्रविभाजी ऊतक की उपस्थिति होने पर कैलस निर्माण व वृद्धि तेजी से होती है।

7. कैलस निर्माण हेतु संवर्धन के पोषण माध्यम में ऑक्जिन तथा सायटोकायनिन समान अनुपात में मिलाया जाता है।

8. सम्पूर्ण कैलस को अजमकृत पेट्रीडिश में लेकर 2-3 टुकड़ों में विभक्त किया जाता है, तत्पश्चात् प्रत्येक टुकड़े को नये (Fresh) संवर्धन माध्यम में स्थानान्तरित कर तथा इसी प्रक्रिया को दोहराकर अत्यधिक संख्या में कैलस संवर्धन किया जा सकता है।

कैलस संवर्धन का उपयोग एवं महत्व (Significance or Applications of Callus Culture)

1. कैलस संवर्धन की सहायता से हॉर्मोन उपचार पश्चात् कम समय में अत्यधिक संख्या में सम्पूर्ण पौधों को विकसित कराया जा सकता है।

2. कायिक भ्रूणता (Somatic embryogenesis) की प्रक्रिया के कारण यथोचित हॉर्मोन उपचार पश्चात् अनेकानेक भ्रूण कैलस से विकसित होते हैं, ऐसे भ्रूण कायिक भ्रूण (Somatic embryo) या एम्ब्रॉयड (Embryoid) कहलाते हैं। भ्रूण संवर्धन के फलस्वरूप नये पौधों की अभिवृद्धि करायी जा सकती है।

3. कैलस से आसानी से एक कोशिका प्राप्त कर एकल-कोशिका संवर्धन की सहायता से नये पौधे को पुनरुत्पादित किया जा सकता है।

4. कैलस संवर्धन की प्रक्रिया से अनेक जैव-रासायनिक परीक्षणों को सम्पादित किया जाता है। 5. कैलस कोशिकाओं द्वारा संश्लेषित होने वाले द्वितीयक उपापचयिक पदार्थ (Secondary metabolite) की सहायता से अनेक दवाओं के पादप घटकों को प्राप्त किया जा सकता है।

5. चूँकि हैप्लॉइड पौधों में गुणसूत्रों के एक ही सेट (Set) होता है। अतएव इनमें इच्छित उत्परिवर्तन को अभिप्रेरित किया जा सकता है तथा उसके प्रभाव का अध्ययन किया जा सकता है।

6. हैप्लॉइड पौधों में बिल्कुल सूक्ष्मजीवों की तरह आसानी से आनुवंशिक अध्ययन सम्भव 
है।

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