नगरीय जल प्रदाय (Municipal water supply)

भारत में अधिकांश शहरों में नगरीय जल प्रदाय सार्वजनिक जलघर (Public water works) के द्वारा होता है, जिसके द्वारा साफ जल का वितरण नगरों में किया जाता है जो निम्न प्रकार होती है -

(1) नगरनिगम द्वारा नदियों एवं अन्य स्रोत से जल निकालकर निम्न चरणों द्वारा जल शुद्ध कर नगरों में प्रदान किया जाता है।

(2) जल स्रोत के पास तीन हौज (Tank) बनाए जाते हैं जिसमें से पहला हौज में 24 घंटे तक जल को रहने दिया जाता है जिससे की जल का स्थिरीकरण हो जाता है धूल, मिट्टी और अन्य निलंबित अशुद्धियाँ टैंक की सतह पर बैठ जाती हैं ऊपर का जल स्वच्छ रहता है।

(3) पहले हौज को दूसरे हौज के ऊपर बनाया जाता है। प्रथम हौज का जल दूसरे हौज में 24 घंटे पश्चात् छिद्र द्वारा भर दिया जाता है। इस हौज में फिटकरी (Alum) को मिलाया जाता है। एक गैलन पानी में 4 ग्रेन फिटकरी को मिलाते हैं। दूसरे हौज (Tank) में पानी को ब्लीचिंग पाउडर (Bleaching powder) डालकर शुद्ध किया जाता है।

(4) जल के संग्रहण के 24 घंटे बाद जल को दूसरे हौज (Tank) से तीसरे हौज में भेजा जाता है इस तीसरे हौज में क्रमशः बालू की सतह (Layer of sand ) कंकड़ों की सतह (Layer of pebbles) एवं पत्थर की सतह (Stone layer) होती है। इस हौज में जल क्रमश: बालू स्तर से छनकर कंकड़ों के स्तर से होता हुआ पत्थर के स्तर पर पहुँचता है इस स्तर से जल चौथे हौज में प्रवेश करता है। चौथे हौज में पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों द्वारा जल शुद्ध किया जाता है। क्लोरीन पंप के द्वारा जल में क्लोरीन मिलाई जाती है। उपर्युक्त विधि द्वारा जल को शुद्ध एवं रोगाणु रहित (Disinfectant) किया जाता है।

इस रोगाणुरहित जल को 50-100 फुट ऊँचाई तक की टंकियों में भर दिया जाता है इन ऊँची टंकियों के द्वारा पाइप्स की सहायता से जल प्रदान किया जाता है इस प्रकार का जल प्रत्येक घर को प्रदाय किया जाता है।