महत्वपूर्ण सीमाकारी कारक

वातावरण में मिलने वाले अनेक भौतिक व रासायनिक कारक परिस्थितियों के अनुसार सीमाकारी कारकों की तरह व्यवहार करते हैं। जैसे-वायुमण्डलीय गैसें (O, N, H, CO2) दीर्घ पोषक तत्व (Mg, Ca, P, K. S), सूक्ष्म पोषक तत्व (Mn, Mo, Na, Cl, Cu, Zn, B, Fe) प्रकाश, ताप, जल, भूमि आदि।

ओडम (Odum, 1972) के अनुसार सहनशीलता की सीमा एवं परिवर्तनशीलता द्वारा प्रकृति में प्राणी नियमित रहते हैं। महत्वपूर्ण सीमाकारी कारक निम्न होते हैं -

(i) जल (Water) - यह समस्त प्राणियों एवं जीवों के लिए अति आवश्यक पदार्थ है। बिना जल के जीवन संभव नहीं है। यह प्रोटोप्लाज्म का प्रमुख घटक है। इसकी कमी या अधिकता ऑस्मोरेगुलेशन को प्रभावित करती है।

(ii) प्रकाश (Light) - पारिस्थितिक तंत्र में सूर्य, प्रकाश एवं ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। सूर्य के प्रकाश के बिना जीवन संभव नहीं है। पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सूर्य प्रकाश के बिना संभव नहीं है।

(iii) तापक्रम (Temperature) –
यह प्राणियों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। सभी जीव-जन्तु अनुकूल तापमान पर अच्छी तरह से विकसित होते हैं।

(iv) वायुमण्डलीय गैसें (Atmospheric gases) – वायुमण्डल में पायी जाने वाली गैसें जीव-जन्तुओं के लिए महत्वपूर्ण होती है। जैसे नाइट्रोजन 78% होती है पौधे इसे नाइट्रेट्स के रूप में ग्रहण करते हैं। जलीय समुदायों में नाइट्रोजन सीमाकारी कारक की तरह कार्य करते हैं। उसी प्रकार ऑक्सीजन मात्र 21% वायुमण्डल में पायी जाती है। जलीय वातावरण में यह सीमाकारी होती है। उसी तरह कार्बन डाइऑक्साइड 0.04% होती है। यह उच्च श्रेणी पौधों के लिए सीमाकारी होती है।

(v) सूक्ष्म एवं दीर्घ पोषक तत्व (Micro and Macro nutrients) - सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे—जिंक, कोबाल्ट, लोहा, मैंगनीज आदि पौधों एवं जन्तुओं के लिए आवश्यक होते हैं उसी प्रकार दीर्घ पोषक तत्व जैसे – कैल्सियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस आदि के यौगिक सभी प्राणियों के लिए आवश्यक होते हैं।