जैविकी तंत्र (Biological system) में हानिकारक प्रभाव उत्पन्न करने वाले कारक (Agent) को विष (Toxicants) कहते हैं, जो कि तंत्र की संरचना तथा कार्यों को क्षति पहुंचाता है या उसके मृत्यु का कारण होता है।

विष की वातावरणीय सांद्रता को प्रभावित करने वाले कारक

किसी विष या रासायनिक पदार्थ की सांद्रता, परिवहन, रूपान्तरण (Transformation) एवं भविष्य (Fate) प्रारंभिक रूप से कुछ कारकों द्वारा नियंत्रित होते हैं, जो कि निम्नलिखित होते हैं -

(i) यौगिक के भौतिक एवं रासायनिक गुण,
(ii) पारिस्थितिक तंत्र के भौतिक, रासायनिक एवं जैविकी गुण,
(iii) वातावरण में रासायनिक पदार्थों के प्रवेश के स्रोत एवं दर.


किसी यौगिक के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के अंतर्गत, उसकी आण्विक संरचना (Molecular structure), जल में घुलनशीलता (Solubility in water), जीवों द्वारा जल अपघटन, वाष्पीय दाब (Vapour pressure), जैव अपक्षयन (Biodegradation), वाष्पीकरण (Evaporation), आदि आते हैं। किसी यौगिक के भविष्य (Fate) को प्रभावित करने वाले जलीय वातावरण के गुणों में तापक्रम, लवणीयता, pH, गहराई, प्रवाह, अवसादीय कणों का आकार आदि सम्मिलित होते हैं।

विषाक्तता को प्रभावित करने वाले कारक (Factors that Influence toxicity)

किसी यौगिक या विष की विषाक्तता उसके अपावरण (Exposure), जीव (Organism), वातावरणीय कारक एवं रासायनिक पदार्थों (Chemicals) के द्वारा प्रभावित होती है। कारकों का विस्तृत विवरण नीचे लिखे अनुसार है

1. अयावरण से संबंधित कारक (Factors related to exposures) - किसी रासायनिक पदार्थ का जीवों के संपर्क में आने पर होने वाली अभिक्रिया अपावरण (Exposure) कहलाती है। रासायनिक पदार्थों का प्राकृतिक वातावरण में किसी जीव के संपर्क में आने की अवधि लघु या चिरकालिक हो सकती है।

(i) लघु अवधि अपावरण (Acute exposure) - इसमें जीव रासायनिक पदार्थों के संपर्क में आते हैं जोकि या तो एकल अभिक्रिया या बहुगुणन अभिक्रिया में कम समयावधि के लिए उत्पन्न होते हैं। इस अपावरण की अवधि 48 घंटे से 96 घंटे होती है। उदाहरण पेस्टिसाइड्स (Pesticides), धातु (Metals) आदि ।

(ii) चिरकालिक अपावरण (Chronic exposure) - यह लम्बी अवधि का अनावरण होता है। इस समय जीव रासायनिक पदार्थों के कम सांद्रता से अपावरित (Exposed) होते हैं, जो कि या तो लगातार होता है या फिर लंबी समयावधि (महीने या वर्षों तक) तक होता है। चिरकालिक अपावरण या तो जीवों के संपूर्ण जीवन चक्र को या फिर आंशिक प्रजनन काल को प्रभावित करता है।

(iii) उप-चिरकालिक अपावरण (Sub-chronic exposure) - यह समयावधि के हिसाब से तीक्ष्ण एवं चिरकालिक के बीच का है और एक माह से कुछ महीनों तक का हो सकता है। यह जीवों के जीवनकाल के कुछ भाग को प्रभावित करता है, जैसे कि प्रारंभिक जीवन अवस्था, भ्रूणीय अवस्था, लार्यल अवस्था आदि।

2. जीवों से संबंधित कारक (Factors related to the organism) - किसी विष की विषाक्तता को उस जीव के स्वास्थ्य एवं औषधि के स्वभाव प्रभावित करते हैं। किसी जीव के प्रकार (Strains), उसका आकार (Size), उम्र (Age), लिंग (Sex), आहार (Diet), हॉर्मोनल अवस्था आदि भी रासायनिक पदार्थ की विषाक्तता को प्रभावित करते हैं। जैसे कुछ जीव किसी रासायनिक पदार्थ के प्रति अतिसंवेदनशील होते हैं, जबकि अन्य जीव पर उसका कुछ प्रभाव नहीं होता है। चयापचय (Metabolism) एवं उत्सर्जन (Excretion) का प्रतिरूप एवं कर संवेदनशीलता को प्रभावित करते हैं। जीवों का आकार भी विषाक्तता को प्रभावित करता है। बड़े आकार के जीव, छोटे जीवों की तुलना में विषाक्तता कम प्रदर्शित करते हैं। इस कारण से विषाक्तता का मूल्यांकन किसी भी रासायनिक पदार्थ की मात्रा को शरीर भर की इकाई के परिप्रेक्ष्य में देखा जाता है।

3. बाह्य वातावरणीय कारक (External environmental factors) -
बाहरी वातावरण का कोई भी कारक रासायनिक पदार्थ की जैव उपलब्धता से संबंधित होता है जो, जीवों के प्रति उसकी विषाक्तता को प्रभावित करता है, जैसे-जल में घुलित O2. pH, तापक्रम, लवणीयता (Salinity), जल की कठोरता, जल में घुलनशील ठोस रासायनिक पदार्थ की विषाक्तता को प्रभावित करते हैं। बाह्य वातावरणीय कारक जो विषाक्तता को प्रभावित करते हैं, उनमें तीन मूलभूत कारक होते हैं -

(i) मनुष्य एवं दूसरी जाति की उपस्थिति।
(ii) उसी जाति के दूसरे प्राणियों की उपस्थिति।
(iii) प्रकाश, तापक्रम, आपेक्षिक आर्द्रता वातावरणीय कारक।


4. रासायनिक पदार्थों से संबंधित कारक (Factors related to the chemicals) - किसी पदार्थ की विषाक्तता को प्रभावित करने वाले रासायनिक कारकों के अंतर्गत रासायनिक पदार्थों के भौतिक रासायनिक गुण, उसकी व्यवस्था की विधि तथा चयनित या अचयनित अभिक्रिया की प्रक्रिया एवं रासायनिक पदार्थों के बीच प्रतिवादिता या सहक्रिया आती है।


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विष को प्रभावित करने वाले कारक.
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