जलीय पारिस्थितिकी तंत्र

पृथ्वी में मुख्यतः जलीय (Aquatic) एवं स्थलीय (Terrestrial) पारिस्थितिक तंत्र होते हैं। जलीय पारिस्थितिकी तंत्र दो प्रकार का होता है-(i) स्वच्छ जलीय, (ii) समुद्री जलीय पारिस्थितिक तंत्र, जबकि स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र चार प्रकार के होते हैं-(i) वन (Forest), (ii) घासतंत्र (Grassland), (iii) मरुस्थल (Desert), (iv) मानव निर्मित (Man-made)।

जलीय पारिस्थितिकी तंत्र (Water ecosystem)

जलीय पारिस्थितिक तंत्र को समझने के लिए यहाँ पर तालाब के इकोतंत्र का वर्णन किया जा रहा है, जिसमें निम्नलिखित घटक (components) पाये जाते हैं -

(1) अजैविक घटक (Abiotic components) - तालाब के जल में CO2, O2 तथा अन्य गैसें व अकार्बनिक तत्व घुले रहते हैं। कुछ अजैविक घटक तालाब के निचले स्तर में पाये जाते हैं। सूर्य की ऊर्जा द्वारा CO2, जल तथा अजैविक घटकों की उपस्थिति में हरे जलीय पौधे प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण करते हैं, जो विभिन्न जीवों के लिए आवश्यक होता है। इन पौधों व जीवों की मृत्यु के पश्चात् जटिल पदार्थ विघटित होकर अजैविक घटकों के रूप में पुनः पानी में मिल जाते हैं और यह पारिस्थितिक तंत्र बराबर चलता रहता है।

(2) जैविक घटक (Biotic components) - इसके अंतर्गत सभी जीव, जैसे - उत्पादक (producers), उपभोक्ता (consumers) तथा अपघटनकर्त्ता (Decomposers) आते हैं, जिनका वर्णन निम्न प्रकार है -

1. उत्पादक (Producers) - तालाब इकोसिस्टम के प्रथम उत्पादक जलीय पौधे होते हैं। ये निम्नलिखित क्रम में बनते हैं।

(a) पादप प्लवक (Phyto plankton) - ये हरे रंग के तैरते रहने वाले शैवाल हैं। ये अति सूक्ष्म होते हैं। तालाब में जहाँ तक प्रकाश की किरणें प्रवेश पाती हैं वहाँ तक इनकी संख्या काफी अधिक होती है। उदाहरण - माइकोसिस्टिस (Microcystis), यूग्लीना (Euglena), वालवॉक्स (Volvox). ऐनाबीना (Anabaena) |

(b) रेशेदार शैवाल (Filamentous Algae) - पानी पर तैरते हुए तथा किनारों की ओर घना जाल बनाते हुए तालाबों में पाये जाते हैं।  उदाहरण- ऊडोगोनियम (Oodogonium), स्पाइरोगाइरा (Spirogyra), कारा (Chara).

(c) निमग्न पादप (Submerged plants) – ये पौधे जड़ों द्वारा तालाब की जमीन में लगे होते हैं। उदाहरण - हाइड्रिला (Hydrila), वैलिसनेरिया (Vallisneria)

(d) निर्गत पादप (Emergent plants) - इस पादप की जड़ें पानी के अन्दर तथा शेष भाग पानी के ऊपर निकला होता है।  उदाहरण-रीड (Reed)।

(e) सतह पर तैरने वाले पादप (Surface floating plants) - ये पौधे पानी की सतह पर तैरते रहते हैं।उदाहरण- पिस्टिया (Pistia) |

2. उपभोक्ता (Consumers) - ताल में पाये जाने वाले विभिन्न प्राणियों का समूह उपभोक्ता होता है।

(a) प्राथमिक उपभोक्ता (Primary consumer) - यह पादपों को खाते हैं। इन्हें निम्न वर्गों में बाँय जाता है

(i) प्राणी प्लवक (Zooplankton) - ये ताल के अन्दर लहरों के साथ तैरते उतरते रहते हैं। उदाहरण - साइक्लोप्स (Cyclops), डैंपिनया (Daphnia), कोपीपोड (Copepods) और रोटिफर (Rotifer)।

(ii) तरणक (Naktones) - ये अपने चलन अंग (Locomotory organs) की सहायता से तैरते हैं।

(iii) नितलक (Benthos) - ताल के तल पर रहने वाले हैं।

(b) द्वितीयक तथा तृतीयक उपभोक्ता (Secondary and tertiary consumers) – ये शाकाहारी जलीय जन्तु का भक्षण करते हैं। उदाहरण - मछली, मेढक, पानी का साँप.

(c) सर्वोच्च उपभोक्ता (Higher consumers) – ये द्वितीयक तथा तृतीयक उपभोक्ताओं का भक्षण करते हैं। उदाहरण-बड़ी मछली, बगुला, कछुआ.

3. अपघटक (Decomposers) - जलीय पौधे तथा जन्तुओं के मरने के बाद अनेक सूक्ष्मजीवी
(microorganism)
उनके कार्बनिक पदार्थों को साधारण तत्वों में बदल देते हैं। ये मुक्त तत्व पौधों के द्वारा उपयोग में पुनः ले लिये जाते हैं।