खाद्य श्रृंखला (Food chain)

किसी भी इकोतन्त्र (Ecosystem) के सभी जीव भोजन के लिए एक-दूसरे पर आश्रित रहते हैं। इस प्रकार परस्पर सम्बन्धित जीव एक खाद्य श्रृंखला (Food chain) बनाते हैं। इससे इकोतन्त्र में खाद्य ऊर्जा (Food energy) का प्रवाह होता है।

ऊर्जा दो रूपों में होती है -

1. स्थितिज ऊर्जा (Potential energy)
2. गतिज ऊर्जा (Kinetic energy)


स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) - विश्रामावस्था में स्थित ऊर्जा है, जिसमें कार्य करने की क्षमता होती है, लेकिन, गतिज ऊर्जा (Kinetic energy) - वह ऊर्जा है जो स्थितिज ऊर्जा का उपयोग करके किसी क्रिया को पूरा करती है।

सूर्य ऊर्जा का मूल स्रोत है। केवल हरे पौधे ही सूर्य प्रकाश का उपयोग करने में समर्थ होते हैं और प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) द्वारा सूर्य की ऊर्जा को स्थितिज ऊर्जा (Potential energy) में परिवर्तित करके संचित रखने में समर्थ होते हैं। इस प्रकार हरे पौधे समस्त जन्तुओं के लिये ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत हैं, इसलिये इन्हें उत्पादक (Producer) कहते हैं। प्रत्येक पारिस्थितिक तन्त्र (Ecosystem) में उत्पादक, उपभोक्ता और अपघटक जीवों के विभिन्न स्तर होते हैं, जिनमें यह खाद्य ऊर्जा एक स्तर से दूसरे स्तर में स्थानान्तरित होती है। किसी भी पारिस्थितिक तन्त्र में खाद्य शृंखला जितनी लम्बी होती है उतनी ही ऊर्जा का रूपान्तरण एक खाद्य स्तर से दूसरे खाद्य स्तर में होगा। इसी प्रकार खाद्य श्रृंखला जितनी छोटी होगी उतनी अधिक ऊर्जा मूल उत्पादक से उपभोक्ता को प्राप्त होगी। खाद्य शृंखला का प्रत्येक स्तर ट्रॉफिक स्तर (Trophic level) या ऊर्जा स्तर (Energy level) कहलाता है।

खाद्य श्रृंखला के प्रकार (Types of food chain)

खाद्य शृंखला तीन प्रकार के होते हैं -

1. परभक्षी खाद्य श्रृंखला (Predator food chain) -
यह खाद्य शृंगाल हरे पौधों से प्रारम्भ होकर छोटे जन्तुओं से होका बड़े जन्तुओं तक जाता है। इसमें प्रत्येक पद के साथ परभक्षी के शरीर का आकार भी बढ़ता है। इस प्रकार की खाद्य श्रृंखला जलाशय इकोन्त्र में पायी जाती है।

2. परजीवी खाद्य शृंखला (Parasitic food chain) -
यह खाद्य शृंखला बड़े जन्तुओं से छोटे जन्तुओं की ओर जाती है। इसमें बड़े जन्तु पोषक (Host) तथा छोटे जन्तु परजीवी (Parasite) कहलाते हैं। परजीवी भोजन के लिए पोषक पर आश्रित रहते हैं।

3. मृतोपजीवी खाद्य श्रृंखला (Saprophytic food chain) - यह खाद्य श्रृंखला मृत जीवों से सूक्ष्मजीवों की ओर जाती है। इसमें खाद्य ऊर्जा मृत कार्बनिक पदार्थ से बैक्टीरिया आदि सूक्ष्म जीवों की ओर जाती है।

Khadya jaal par tippeni