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पैरामीशियम में प्रजनन की विधियां (Methods of reproduction in Paramecium)

पैरामीशियम में अलैंगिक व लैंगिक दो प्रकार के प्रजनन पाये जाते हैं। अलैंगिक द्विखंडन के द्वारा होता है।

अलैंगिक प्रजनन (द्विखण्डन) (Binary fission) - अलैंगिक जनन या द्विखंडन की क्रिया-विधि उचित ताप, भोजन की प्रचुर मात्रा एवं ऑक्सीजन की सही मात्रा के उपस्थित होने पर होती है। द्विखंडन के पूर्व पैरामीशियम भोजन लेना बंद कर देता है। शरीर स्पिंडल की तरह लंबा हो जाता है। ओरल ग्रूव गायब हो जाता है। micro एवं macro nuclei लंबे हो जाते हैं। micro nuclei समसूत्री तरह से एवं मैक्रोन्यूक्लियस एमाइटोटिक तरह से विभाजित हो जाते हैं। मध्य भाग में ग्रूव का निर्माण प्रारम्भ हो जाता है एवं यह पैरामीशियम को दो भागों में विभाजित कर देता है, दोनों भाग में ओरल ग्रूव का निर्माण आरम्भ हो जाता है।

अनुप्रस्थ विखण्डन (Transverse binary fission) - बाइनरी विखण्डन अथवा प्रोकैरियोटिक विखण्डन यह अलैंगिक जनन का एक प्रकार है और इस प्रकार का कोशिका विखण्डन केवल प्रोकैरियोटिक कुछ प्रोटोजोअन में प्रदर्शित होता है। इस विधि के अंतर्गत् कोशिका दो जीवित कोशिकाओं में विखण्डित होती हैं और इनमें सामान्य कोशिका के आकार तक वृद्धि करने की क्षमता होती है।

यह तीन प्रकार का होता है - 1. असामान्य बाइनरी विखण्डन, 2. लंबवत् बाइनरी विखण्डन, 3. अनुप्रस्थ बाइनरी विखण्डन ।


अनुप्रस्थ बाइनरी विखण्डन सामान्य तौर पर प्रोटोजोअन में पाया जाता है। इसमें शरीर का संपूर्ण कोशिका- - द्रव्य दो जोड़े न्यूक्लिआई के मध्य अनुप्रस्थ स्थिति में बँटते हुये पूरे शरीर को दो भागों में अलग कर देता है। इसे बैक्टीरियल विखण्डन भी कहते हैं। यह प्रक्रिया निम्न पदों में पूर्ण होती है -

1. यदि अमीबा को अलैंगिक जनन कि प्रक्रिया की आवश्यकता हुई तो सबसे पहले वह अपनी गतिशीलता को छोड़कर एक स्थान पर स्थिर हो जाता है और उसका शरीर गोलाकार हो जाता है।

2. केन्द्रक कोशिकाद्रव्य को छोड़कर स्पष्ट रूप से पृथक हो जाता है जो अमीबा के विखण्डित होने का पहला चिन्ह है।


3. जल्दी ही केन्द्रक दो भागों में विभक्त हो जाता है और कोशिका के अन्दर मिलने वाला कोशिकाद्रव्य दो भागों में विभक्त होकर दोनों केन्द्रकों के चारों ओर जमा हो जाता है।

4. यह जमा होता हुआ कोशिकाद्रव्य कोशिका की आंतरिक दीवार को छोड़कर दोनों केन्द्रकों के पास सिकुड़ता जाता है। और दो पुत्री अमीबा का रूप लेने लगता है।

5. और इसी प्रक्रिया के दौरान अमीबा के शरीर के मध्य एक खींच जो संपूर्ण शरीर को अनुप्रस्थ काटती हुई परिलक्षित होती है।

6. और धीरे-धीरे यह इस खींच की लम्बाई बढ़ती जाती है। और पूरा अमीबा दो पुत्री अमीबा के रूप में अलग हो जाता है और ये अलग हुई कोशिकायें एक सामान्य अमीबा की भाँति अपना जीवन-चक्र पूर्ण करती हैं।

Reproduction in paramecium in hindi