कोशिका वृद्धि पर टिप्पणी (Comments on Cell growth in Hindi)

कोशिका वृद्धि (Cell Growth) - श्लीडन (Schleidon) तथा श्वान (Schwann) ने कोशिका सिद्धान्त प्रतिपादित किया। उन्होंने बताया कि -

(i) सरलतम एककोशिकीय प्राणियों से लेकर जटिल उच्च जन्तुओं का शरीर जीवित कोशिकाओं से बना होता है।

(ii) नई कोशिकाओं की उत्पत्ति पूर्ववर्ती कोशिकाओं के विभाजन से होती है।

अर्थात् जीवन की निरन्तरता कोशिकाओं की वृद्धि और उसके विभाजन पर आधारित होती हैं। जैविक क्रियाओं के फलस्वरूप कोशिकाओं में वृद्धि होती है। कोशिका वृद्धि के समय कोशिका में अनेक जटिल जैविक क्रियाओं के अन्तर्गत m-RNA, t-RNA और राइबोसोम्स का संश्लेषण होता है, जिससे निर्माणकारी (Ana bolic) क्रियाएँ सक्रिय हो जाती हैं और जीवद्रव्य (Protoplasm) का निर्माण करती हैं, जिसके कारण कोशिका में वृद्धि होती है और उसका आकार बढ़ जाता है।

कोशिका वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक (Factors influencing cells growth)

निम्नलिखित कारक कोशिका वृद्धि को प्रभावित करते हैं -

1. हॉर्मोनल ग्रोथ फैक्टर्स,
2. नर्व ग्रोथ फैक्टर्स,
3. एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर्स,
4. प्लेटलेट डिराइव्ड ग्रोथ फैक्टर्स,
5. फाइब्रोब्लास्ट ग्रोथ फैक्टर्स,
6. ऑन्कोजीन्स फैक्टर्स,
7. सायक्लिक मोनोन्यूक्लियोटाइड फैक्टर्स


कोशिका वृद्धि को प्रभावित करने वाले उपर्युक्त कारकों के अतिरिक्त कुछ ऐसे कारक भी होते हैं, जो वृद्धि की दर को कम करते हैं। ऐसे कारकों को इनहिबिटर्स (Inhibitors) कहते हैं। उदाहरण - कैल्शेन्स ।