अण्डों के प्रकार (Types of eggs in Hindi)
अण्डे
मादा युग्मक (Female
gamets) है जो
योक के रूप में विकास की पूरी प्रक्रिया के लिए आवश्यक भोजन को संग्रहित करता है।
आमतौर पर अंडे गोलाकार या अंडाकार होते हैं। एक परिपक्व अंडे का आकार उसमें
उपस्थित योक की मात्रा पर निर्भर करता है।
(a) एलेसिथल (Alecithal) - जब अण्डों में योक अनुपस्थित होता है। उदा.- युथिरियन स्तनधारियों के अण्डे ।
(b) माइक्रोलेसिथल (Microlecithal) - जब अंडों में योक की मात्रा नगण्य होती है इन्हें ऑलिगोलेसिथल (Oligolecithal) भी कहा जाता है। उदा.-सी अर्चिन, मासुपियल के अण्डे।
(c) मीसोलेसिथल (Mesolecithal) - इन अंडों में योक की मात्रा मध्यम होती है। उदा. उभयचर, डिप्नोई व पेट्रोमायजॉन के अण्डे।
(d) मैक्रोलेसिथल या मेगालेसिथल (Macrolecithal or Megalecithal) - इन अंडों मे योक को मात्रा अत्यधिक होती है। इसे पॉलीलसिथल अण्डें भी कहा जाता है। उदा.- अस्थिल मछलियों, उभयचर, सरीसृप व पक्षियों के अण्डे।
2. योक के वितरण के आधार पर -
(a) आइसोलेसिथल या होमोलेसिथल (Isolecithal or Homolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा कम व समान रूप से वितरित होती है।
उदा.- इकाइनोडर्मेटा, एम्फिऑक्सस व स्तनधारियों के अंडे।
(b) टिलोलेसिथल (Telolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा अधिक होती है। योक वेजिटल - पोल की ओर केन्द्रित होते हैं। उदा. – मछलियाँ, उभयचरों, सरीसृपों व पक्षियों के अण्डे।
(c) सेन्ट्रोलेसिथल (Centrolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा अधिक होती है। योक मध्य में स्थित होता है एवं थोड़ी मात्रा में कोशिकाद्रव्य से घिरा होता है। एक पतली कोशिका द्रव्यीय परत योक की सतह को घेरती है। उदा. - कई आर्थ्रोपोड्स के अण्डे ।
अण्डे का वर्गीकरण (Classification of Eggs)
1. योक की मात्रा के आधार पर -(a) एलेसिथल (Alecithal) - जब अण्डों में योक अनुपस्थित होता है। उदा.- युथिरियन स्तनधारियों के अण्डे ।
(b) माइक्रोलेसिथल (Microlecithal) - जब अंडों में योक की मात्रा नगण्य होती है इन्हें ऑलिगोलेसिथल (Oligolecithal) भी कहा जाता है। उदा.-सी अर्चिन, मासुपियल के अण्डे।
(c) मीसोलेसिथल (Mesolecithal) - इन अंडों में योक की मात्रा मध्यम होती है। उदा. उभयचर, डिप्नोई व पेट्रोमायजॉन के अण्डे।
(d) मैक्रोलेसिथल या मेगालेसिथल (Macrolecithal or Megalecithal) - इन अंडों मे योक को मात्रा अत्यधिक होती है। इसे पॉलीलसिथल अण्डें भी कहा जाता है। उदा.- अस्थिल मछलियों, उभयचर, सरीसृप व पक्षियों के अण्डे।
2. योक के वितरण के आधार पर -
(a) आइसोलेसिथल या होमोलेसिथल (Isolecithal or Homolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा कम व समान रूप से वितरित होती है।
उदा.- इकाइनोडर्मेटा, एम्फिऑक्सस व स्तनधारियों के अंडे।
(b) टिलोलेसिथल (Telolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा अधिक होती है। योक वेजिटल - पोल की ओर केन्द्रित होते हैं। उदा. – मछलियाँ, उभयचरों, सरीसृपों व पक्षियों के अण्डे।
(c) सेन्ट्रोलेसिथल (Centrolecithal) - इन अण्डों में योक की मात्रा अधिक होती है। योक मध्य में स्थित होता है एवं थोड़ी मात्रा में कोशिकाद्रव्य से घिरा होता है। एक पतली कोशिका द्रव्यीय परत योक की सतह को घेरती है। उदा. - कई आर्थ्रोपोड्स के अण्डे ।
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