प्रोटोथीरिया अण्डे देने वाले स्तनियों का समूह है। आस्ट्रेलिया में पाये जाने वाले जन्तु एकिडना तथा प्लैटिपस इसके उदाहरण हैं। इन्हें सामूहिक रूप से ऑर्डर मोनोट्रिमेटा (Order Monotremata) में रखा गया है। 

प्रोटोथीरिया के विशिष्ट गुण निम्न प्रकार से हैं -

1. वितरण (Distribution) - ये आस्ट्रेलिया, तस्मानिया, न्यूगिनी तथा समीप के द्वीपों में पाये जाते हैं।

2. स्वभाव तथा वास स्थान (Habit and Habitat) - ये रात्रिचर तथा बिलों में रहने वाले स्थलचर या जलीय स्तनधारी हैं, जो कि मुख्य रूप से कीटभक्षी होते हैं।

3. बाह्य लक्षण (External features) - इनका शरीर बालों से ढँका रहता है। बाह्य कर्ण या पिन्ना अनुपस्थित होते हैं। आर्निथोरिन्कस (Omithorhynchus) में ऊपरी जबड़ा पिचकी हुई चोंच के समान एक थूथन (Snout) में प्रवर्धित रहता है, किन्तु टेकिग्लॉसस (Tachyglossus) में जबड़े रोस्ट्रम (Rostrum) में प्रवर्धित होते हैं। त्वचा घने बालों से आच्छादित रहती है तथा बालों के बीच-बीच में कण्टक होते हैं। पुच्छ (tail) छोटी एवं चौड़ी होती है। नर के प्रत्येक पश्च पाद में एक छिद्रित हॉर्नी स्पर (Spur) होता है। स्तनों में चूचूकों (Teats) का अभाव होता है।

4. देहगुहा (Body cavity) - देहगुहा क्षैतिज पेशीय डायफ्राम (Diaphragm) द्वारा पृष्ठ वक्ष गुहा (Thoracic cavity) तथा अधर उदर गुहा (Abdominal cavity) में विभाजित होती है।

5. कंकाल (Skeleton) - इसकी कपाल डाइकॉण्डायलिक (Dicondylic) होती है। हड्डियों के बीच के जोड़ अस्पष्ट रहते हैं। एलिस्फीनॉइड (Alisphenoid) हड्डी नहीं पायी जाती है, लेकिन मैमेलियन टेरिगॉइड हड्डी के साथ ही एक एक्टोप्टेरिगॉइड (Ectopterygoid) हड्डी पाई जाती है। इनमें नेत्र कोटर टेम्पोरल फोसा (Temporal fossa) के साथ मिले रहते हैं। इनके मेण्डिबल एक दन्तिका के बने होते हैं, जिनमें दाँत नहीं पाये जाते हैं। इनकी कशेरुकाओं (Vertebrae) में एपिफाइसिस पूर्णतया अनुपस्थित रहते हैं। कोराकॉइड तथा एपिकोराकॉइड हड्डियाँ भली-भाँति विकसित होती हैं। इसमें ‘T’ आकार की एक इण्टर क्लेविकल हड्डी पायी जाती है। ऐसिटाबुलम छिद्रित होती है। इनकी इश्चियम एवं प्यूबिस हड्डियाँ प्रतिपृष्ठ सिम्फाइसिस पर एक-दूसरे से समेकित (Fused) होती हैं।

6. परिवहन तन्त्र (Circulatory system) - हृदय चार वेश्मी होता है, किन्तु आलिंद निलय कपाट पेशीय तथा अपूर्ण होता है तथा कॉर्डी टेण्डिनी (Chordae tendinae) अनुपस्थित होते हैं। प्रौढ़ में केवल वाम ऑर्थोटिक चाप बनी रहती है। लाल रुधिर कणिकाएँ (R.B.Cs.) अकेन्द्रीय होती हैं।

7. तन्त्रिका तन्त्र (Nervous system) - मस्तिष्क अपेक्षाकृत कम विकसित होता है। कार्पस कैलोसम अनुपस्थित होता है।

8. मूत्र जनन तन्त्र (Urinogenital system) - इनकी मूत्र जनन वाहिनियाँ मूत्र जनन साइनस (Urino genital sinus) में खुलती हैं, जो शिश्न (Penis) में नहीं जाती हैं। वृषण (Testis) उदर में स्थित होते हैं।

मादा में दाहिना अण्डाशय कम विकसित होता है। अण्डवाहिनियाँ (Oviducts) क्लोएका में अलग अलग खुलती हैं। इनमें योनि (Vagina) तथा गर्भाशय (Uterus) का अभाव होता है।

9. वर्धन (Development) - निषेचन आन्तरिक होता है। अण्डे बड़े और पीतक युक्त होते हैं। विदलन (Cleavage) मीरोब्लास्टिक (Meroblastic) होता है।

प्रोटोथीरिया की समानताएँ (Affinities of Prototheria)

इन जन्तुओं में रेप्टीलियन एवं मैमेलियन दोनों प्रकार के गुण पाये जाते हैं। अतः ये रेप्टाइल्स व मैमेल्स के बीच की स्थिति दर्शाते हैं।

1. रेप्टीलिया के साथ समानताएँ (Affinities with Reptilia)प्रोटोथीरिया जन्तु के निम्नलिखित गुण रेप्टाइल्स से समानता रखते हैं -

(i) ये अण्डे देने वाले अर्थात् अण्डज (Oviparous) स्तनधारी हैं।

(ii) इन जन्तुओं में बाह्य कर्ण या पिन्ना का अभाव रहता है।

(iii) खोपड़ी की हड्डियों के जोड़ स्पष्ट नहीं होते हैं।

(iv) प्रीमोलर उल्टी घण्टी के आकार की होती है।

(v) इनमें आन्तरिक टेरिगॉइड हड्डियाँ एकिडिना टेरिगॉइड (Echidina pterygoid) के रूप में रहती हैं, जिसकी तुलना रेप्टाइल्स की एक्टोप्टेरिगॉइड (Ectopterygoid) से की जाती है।

(vi) 'T' आकार की इण्टरक्लेविकल एपिस्टर्नम उपस्थित होती है।

(vii) अधर सिम्फाइसिस इश्चियम या प्यूबिस के बने होते हैं।

(viii) ऐसीटाबुलम छिद्र युक्त होते हैं।

(ix) कार्पस कैलोसम अनुपस्थित होता है।

(x) आलिन्द निलय कपाट अपूर्ण होता है।

(xi) मूत्र वाहिनियाँ मूत्र जनन साइनस में खुलती हैं।

(xii) इनमें क्लोएका पाया जाता है।

(xiii) वृषण (Testis) उदर में स्थित रहती हैं।

(xiv) शिश्न (Penis) की संरचना रेप्टीलियन प्रकार की होती है, जिसमें शुक्राणुओं के लिए पथ होती है, किन्तु मूत्र जनन साइनस शिश्न से होकर नहीं गुजरता।

(xv) इनकी अण्डवाहिनियाँ, क्लोएका में अलग-अलग खुलती हैं।

(xvi) अण्डे बड़े, पीतयुक्त एवं कवचित होते हैं।

2. मैमेलिया से समानताएँ (Affinities with Mammalia) - प्रोटोथीरियन्स को निम्नलिखित गुणों के आधार पर स्तनधारियों के साथ रखा गया है -

(i) इन जन्तुओं में स्तन ग्रन्थियाँ पायी जाती हैं।

(ii) इनके शरीर पर बाल पाये जाते हैं।

(iii) खोपड़ी डाइकॉण्डायलिक (Dicondylic) होती है।

(iv) निचला जबड़ा या मेण्डिबल केविटी डेन्टरी (Dentary) का बना होता है।

(v) कर्ण अस्थिकाओं की संख्या 3 होती है।

(vi) देहगुहा डायफ्राम द्वारा दो भागों में विभाजित होती है।

(vii) यकृत पिण्डयुक्त (Lobed) होता है।

(viii) हृदय चार वेश्मी (Four chambered) होता है।

(ix) R.B.Cs. अकेन्द्रकीय होते हैं तथा शरीर का तापमान लगभग स्थिर रहता है।

निष्कर्ष (Conclusion) - उपर्युक्त रेप्टीलियन एवं मैमेलियन लक्षण प्रोटोथीरिया को वास्तविक स्तनधारियों से पृथक् करती है। अतः इन्हें रेप्टीलियन तथा वास्तविक स्तनधारियों को जोड़ने वाली श्रृंखला माना जाता है। इससे निष्कर्ष निकलता है कि स्तनधारी का उद्भव एवं विकास रेप्टाइल्स से हुआ है।