कोशिका

कोशिका जैविक क्रियाओं की वह न्यूनतम इकाई है, जो कि एक अर्द्ध-पारगम्य झिल्ली से सीमित होती है तथा बिना किसी जीवित तंत्र की उपस्थिति के स्वतंत्र रूप से प्रजनन की क्षमता रखती है।

कोशिका की सामान्य विशेषताएँ

(1) सभी कोशिका के चारों ओर प्लाज्मा झिल्ली या कोशिका कला (Cell membrane) होती है। 

(2) प्लाज्मा झिल्ली के अन्दर कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) होता है, जिसमें केन्द्रक (Nucleus) पाये जाते हैं।

(3) सभी कोशिकाओं में नाभिकीय अम्ल के रूप में आनुवंशिक पदार्थ होता है, जो कि गुणसूत्र (Chromosome) में होता है।

(4) कोशिका के कोशिकाद्रव्य में माइटोकॉण्डिया (Mitochondria), गॉल्जीकाय (Golgi body). एण्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic reticulum), राइबोसोम (Ribosome) आदि होते हैं। (5) सभी कोशिकाओं में नाभिकीय अम्लों (Nucleic acid) एवं प्रोटीन संश्लेषण की विधि एकसमान होती है।

(6) सभी कोशिकाओं में समान उपापचय क्रियाएँ होती हैं। 

कोशिका सिद्धान्त (Cell theory)

सन 1839 में श्लीडन तथा श्वान (Schleiden and Schwann) ने बताया कि प्रत्येक कोशिका एक जीव है। उन्होंने कोशिका सिद्धान्त का प्रतिपादन किया, जो कि निम्नलिखित तथ्यों पर आधारित है -

(1) सभी जीव एक या अनेक कोशिकाओं से बनती है। अतः कोशिका जीवों की संरचनात्मक इकाई होती है।

(2) कोशिका में जीवन के लिए आवश्यक सभी क्रियाएँ होती हैं, अतः कोशिकाएँ उपापचय क्रियाओं की इकाई हैं।

(3) किसी भी जीव में होने वाली विभिन्न क्रियाएँ उसकी संघटक कोशिकाओं में होने वाली जैन क्रियाओं के कारण सम्भव होती हैं।

(4) कोशिका में स्व-जनन की क्षमता होती है। अतः नई कोशिकाएँ पूर्ववर्ती कोशिकाओं से बन सकती हैं।

(5) कोशिका आनुवंशिक इकाई (Unit) है एवं इनके केन्द्र में आनुवंशिक पदार्थ पाया जाता है।

कोशिका सिद्धान्त के अपवाद (Exceptions of Cell Theory)

(1) वाइरस, इस सिद्धान्त का अपवाद है।

(2) लाल रक्त कणिकाएँ (R.B.Cs.) पूर्ण कोशिका नहीं है, क्योंकि इनमें केन्द्रक एवं अन्य कोशिकांग नहीं पाये जाते हैं।

(3) तंत्रिका कोशिका (Nerve cells) में विभाजन क्षमता एवं पुनर्जनन की क्षमता नहीं पाई जाती है।

(4) यकृत एवं पेशी कोशिकाओं में सामान्य विभाजन क्रिया नहीं पाई जाती है, लेकिन पुनर्जनन सम्भव होता है।

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की सहायता से कोशिका के बारे में अनेक खोज की गई और को शिका के विभिन्न अंगकों की संरचना एवं कार्यों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त हुई है।

कोशिकाओं के प्रकार (Types of cells)

कोशिकाएँ दो प्रकार की होती हैं -
(1) सरल संरचना वाली प्रोकैरियोटिक कोशिका
(2) जटिल संरचना वाली यूकैरियोटिक कोशिका


कोशिका की संरचना (Structure of the cell)

कोशिका की संरचना के अध्ययन के लिए सूक्ष्मदर्शी की सहायता ली जाती है। कोशिका को संयुक्त सूक्ष्मदर्शी तथा इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देखा एवं अध्ययन किया जाता है।

1. संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना- इसमें कोशिका की संरचना सरल दिखाई देती है। कोशिका में बाहर की ओर प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) होता है। इससे घिरा हुआ कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में एक केन्द्रक (Nucleus) लगभग बीच में स्थित होता है। इसके अतिरिक्त अन्य कोशिकांग जैसे - गॉल्जीकाय (Golgi body), माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria), सेण्ट्रोसोम (Centrosomes), लाइसोसोम (Lysosome), राइबोसोम भी पाई जाती हैं। सभी कोशिकांग को कोशिकाद्रव्य से अलग कर देने के पश्चात् एक आधात्री (Matrix) बचती है, जिसे हायलोप्लाज्म (Hyaloplasm) कहते हैं।

2. इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में जन्तु कोशिका की संरचना- इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में देखने पर कोशिका को दो भागों में बाँटा जा सकता है, कोशिका भित्ति एवं जीवद्रव्य। जीवद्रव्य में कोशिकाद्रव्य तथा केन्द्रक पाया जाता है। केन्द्रक की संरचना में बाहर की तरफ केन्द्रक कला तथा उससे घिरी हुई केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm) तथा केन्द्रिका (Nucleolus) एवं केन्द्रक जाल (Chromatin network) पाया जाता है। कोशिकाद्रव्य में रिक्तिकाएँ (Vacuoles), तेल बिन्दु तथा अन्य पदार्थ जैसी अजीवित रचनाएँ तथा विभिन्न कोशिकांग जीवित रचनाओं के रूप में पाई जाती हैं।

कोशिका के कार्य (Functions of cell)

कोशिका में पाया जाने वाला जीवद्रव्य जैविक क्रियाएँ जैसे-पोषण, श्वसन, वृद्धि, उत्सर्जन, गति, जनन आदि क्रियाएँ करता है।

कोशिका एक कारखाने के समान है, जिसमें अलग-अलग कोशिकांग पाये जाते हैं, जो अलग-अलग कार्य करते हैं। जैसे -

(a) कोशिका कला कोशिका की रक्षा करती है।
(b) राइबोसोम द्वारा प्रोटीन का निर्माण होता है।
(c) माइटोकॉण्ड्रिया द्वारा ऊर्जा प्रदान की जाती है।
(d) DNA आनुवंशिक गतिविधि को आगे बढ़ाता है।