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एम्फिऑक्सस के उत्सर्जी अंगो एवं उत्सर्जन की कार्यिकी का वर्णन | Description of excretory organs and excretory physiology of amphioxus in Hindi

एम्फिऑक्सस के उत्सर्जी अंगो एवं उत्सर्जन की कार्यिकी का वर्णन

या एम्फिऑक्सस-प्रोटोनेफ्रीडिया पर टिप्पणी

एम्फिऑक्सस का उत्सर्जी अंग (Excretory organ of Amphioxus) - एम्फिऑक्सस का उत्सर्जी तंत्र कोर्डेट प्राणीयो के सामान नही पाया जाता है | इसका प्रमुख उत्सर्जी अंग प्रोटोनेफ्रिडिया होते है | प्रोटोनेफ्रिडिया बंद प्रकार के होते है इनकी संख्या 90 से 100 जोड़ी तक होती है | प्रत्येक नेफ्रिडियम शरीर के प्रत्येक खण्ड में पार्श्व सतह पर क्लोम दरारों की प्राथमिक क्लोम छड़ो के ऊपर स्थित होते है | प्रत्येक नेफ्रिडियम एक मुड़ी हुई नलिका के सामान होती है, जिसमे डो भुजा पायी जाती है | एक अनुलंब भुजा दूसरी क्षैतिज भुजा, अनुलंब भुजा प्राथमिक जबकि क्षैतिज भुजाए द्वितीयक क्लोम छड़ो के ऊपर स्थित होती है | नेफ्रिडियम के दोनों भुजाओं में अनेक सूक्ष्म गोलाकार रचना पायी जाती है जिन्हें सोलेनोसाइट्स कहते है | प्रत्येक नेफ्रिडियम में इनकी संख्या 500 होती है | इनके शीर्ष में केन्द्रक पाया जाता है तथा लंबा कशाभ भी पाया जाता है | नेफ्रिडियम में छोटी रक्त वाहिनियो का संभरण होता है जिनसे उत्सर्जन होता है |

Diagram of Entire Nephridia of Amphioxus, Diagram of Solenocytes of Amphioxus

उत्सर्जन की कार्यिकी (Physiology of Excretion) - प्रत्येक नेफ्रिडियम में रक्त वाहिनियो का जाल बिछा होता है जिनमे उत्सर्जन होता है | उत्सर्जन की प्रक्रिया सोलेनोसाइट्स नलिकाओं से विसरण विधि द्वारा होता है | नाईट्रोजन युक्त उत्सर्जी व्यर्थ पदार्थ अन्तः कोशिकीय नलिका की गुहिका में पहुंचा दिया जाता है | यहाँ से यह पदार्थ नेफ्रिडियोफोर के द्वारा एट्रियम में डाल दिए जाते है, एट्रियम से पानी की धारा के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिए जाते है |