एम्फिऑक्सस का रुधिर परिवहन तंत्र और परिवहन विधि

एम्फिऑक्सस का रुधिर परिवहन तंत्र (Blood Vascular System of Amphioxus) - 

एम्फिऑक्सस का रुधिर परिवहन तंत्र सरल एवं बंद प्रकार का होता है | रक्त में रक्त कणिकाए तथा हिमोग्लोबीन की अनुपस्थिति तथा फैरिंक्स के नीचे स्थित अत्यधिक संकुचनशील वेंट्रल ऐओर्टा एम्फिऑक्सस के परिवहन तंत्र की प्रमुख विशेषताए है | ह्रदय की अनुपस्थिति के कारण मुख्य धमनी की दीवारे पेशीयुक्त एवं कुंचनशील होती है |

वाहिनी संस्थान में निम्नलिखित रचनाए होती है -

1. शिरा पात्र या साइनस वेनोसस (Sinus Venosus) - यह ग्रसनी के पिछले सिरे के नीचे स्थित पतली दीवार वाली कोष है | इसमें शरीर के विभिन्न भागो से शिराओ द्वारा लाया रुधिर एकत्रित होकर अधर महाधमनी में चला जाता है |

2. अधर महाधमनी (Ventral Aorta) - यह मोटी दीवार की अत्यधिक कुंचनशील रुधिर वाहिनी है, जो एंडोस्टाइल के नीचे ग्रसनी की मध्य-पृष्ठ दीवार में स्थित होती है | इनमे से कई जोडी पार्श्व शाखाए निकलकर प्राथमिक क्लोम छड़ो को जाती है | इन्हें अभिवाही क्लोम धमनिया (Afferent Branchial Arteries) कहते है | इनके आधार फुले हुए होते है तथा क्लोम छड़ो की वाहिनियो में रक्त भेजते है | द्वितीयक क्लोम छड़े अप्रत्यक्ष रूप से अभिवाही क्लोम धमनियों से निकली अनुप्रस्थ वाहिनियो से रुधिर प्राप्त करती है, जो सिनैप्टीकुली में स्थित होती है |

एम्फिऑक्सस का रुधिर परिवहन तंत्र (Blood Vascular System of Amphioxus)

    पृष्ठ भाग में अपवाही क्लोम धमनियों (Efferent Branchial Arteries) की श्रेणीया प्राथमिक एवं द्वितीयक क्लोम छड़ो से रुधिर एकत्र करके एक जोडी पृष्ठ महाधमनियों (Dorsal Aorta) में खाली कर देती है | क्लोम धमनियों में गुजरते हुए रुधिर श्वसनीय जल की धारा के संपर्क में आता है, किन्तु यहाँ इसके ऑक्सीकरण का कोई प्रमाण नही मिलता, क्योकि रुधिर में श्वसन वर्णको (Respiratory Pigment) का अभाव होता है |

3. पृष्ठ महाधमनिया (Dorsal Aorta) - शरीर के आधे भाग में पृष्ठ महाधमनी में एक जोडी वाहिनिया होती है, जो ग्रसनी की छत पर एपिफैरिन्जियल खांच (Epipharyngeal groove) के दोनों ओर एक-एक स्थित होती है | आगे की ओर एक जोडी वाहिनिया आतंरिक कैरोटिड धमनिया (Internal Carotid arteries) के रूप में प्रोत में चली जाती है और ओरल हुड के क्षेत्र को संवहित करती है | ये रुधिर एकत्र करने वाली वाहिनिया है, जो अपवाही क्लोम धमनियो द्वारा ग्रसनी से सारा रुधिर एकत्रित करती है |

    पश्च भाग में दोनों पृष्ठ महाधमनिया ग्रसनी के पीछे आपस में मिलकर पृष्ठ महाधमनी बनाती है, जो मध्य पृष्ठ रेखा पर पीछे की ओर नोटोकार्ड तथा आंत्र के बीच में से होती हुई पूंछ भाग में से चली जाती है | यहाँ इसे कोडल धमनी (Caudal artery) कहते है | ये वितरक वाहिनी के रूप में कार्य करती है |

4. पोर्टल सिस्टम (Portal System) - पूंछ से रुधिर कोडल सिरा (Caudal Vein) द्वारा एकत्र कर लिया जाता है | यह आगे की ओर अंतर के नीचे उप-आंत्रीय शिरा (Sub-Intestinal Vein) बनाती है और रुधिर वाहिनियो की श्रेणीयो द्वारा आंत्रीय रुधिर जालिकाओ में रुधिर एकत्रित करती है | उप-आंत्रीय शिरा धड में प्रवेश करके पश्चान्त्र की दीवारों में धंसकर एक जालिका बनाती है | पश्चान्त्र जालिका से रुधिर यकृत पोर्टल शिरा (Hepatic Portal Vein) द्वारा एकत्रित कर लिया जाता है | यह यकृत के अधर तल पर जाकर जालिका बनाती है | यकृत से रुधिर यकृत शिरा में एकत्रित होता है, जो आगे की ओर पाचन ग्रंथि के ऊपर से बढ़ती हुई नीचे की ओर मुड़कर साइनस वेनोसस (Sinus Venosus) में खुलती है |

    एक जोडी पैराइटल शिराए (Parietal Veins) आहारनाल के ऊपर स्थित होती है | ये शरीर के पृष्ठ दीवार से रुधिर एकत्रित करके साइनस वेनोसस में खाली करती है | अनुप्रस्थ शिराए अधर महाधमनी को रुधिर पहुंचाती है |

5. प्रमुख शिराए (Cardinal Veins) - एक जोड़ी अगर कार्डिनल शिराए (Anterior Cardinal Veins) कई जोड़ी सर्पिल वाहिनियो द्वारा शरीर के अग्र भाग में रुधिर एकत्रित करती है | ये जनन पिंडको के ताल पर शरीर की पार्श्व दीवारों के साथ चलती है | इसी प्रकार एक जोड़ी पश्च कार्डिनल शिराए (Posterior Cardinal Veins) शरीर के पश्च भाग से रुधिर लाती है | पश्च भाग में पश्च शिराए कोडल शिरा से मिल जाती है | अग्र भाग से दोनों पक्षों की अग्र एवं पश्च कार्डिनल शिराए आपस में मिलकर एक सामान्य कार्डिनल शिरा (Common Cardinal Vein) बनाती है | इस प्रकार बनी दोनों शिरा नाल साइनस वेनोसस में खुलती है |

    वृक्क (Kidney) तथा वास्तविक यकृत (Liver) की अनुपस्थिति के कारण इसमें वास्तविक वृक्क एवं यकृत निवाहिका उपतन्त्रो (Renal and Hepatic Portal System) का अभाव होता है | किन्तु यकृत निवाहिका एवं यकृत शिराओ (Hepatic Portal and Hepatic Veins) की उपस्थिति पृष्ठवंशी यकृत निवाहिका उपतंत्र की प्रारम्भावस्था को इंगित करता है |