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Reproduction and Development in Balanoglossus - बेलेनोग्लोसस में प्रजनन और परिवर्धन

Reproduction and Development in Balanoglossus - बेलेनोग्लोसस में प्रजनन और परिवर्धन 

बेलेनोग्लोसस में परिवर्धन ( Development and Reproduction in Balanoglossus) - इसमे बाह्य निषेचन पानी में होता है | इसका परिवर्धन अप्रत्यक्ष होता है, जिसके दौरान टोरनेरिया लार्वा बनता है | समुद्र में निषेचन क्रिया के फलस्वरूप बने जायगोट में से प्रत्येक में होलोब्लास्तिक तथा रेडियल प्रकार का विदलन होता है जिससे ब्लास्टोमीयर कोशिकाओं का एक गोला बन जाता है जिसेके  मोरुला (Morula) अवस्था कहते है | मोरुला ब्लास्तोमीयार्स कोशिकाओं के पुनर्गठन के फलस्वरूप एक खोखली गोलाकार ब्लास्तुला अवस्था में बदल जाता है जिसके अन्दर एक गुहा ब्लास्तोसील होता है जो चारो तरफ से ब्लास्टोमीयर्स कोशिकाओं की एक परत से घिरी रहती है यह अवस्था निषेचन से 6-15 घंटो में बन जाती है 15-24 घंटो के अन्दर बलास्टुला अवस्था अंतर्वलन के द्वारा गैसट्रुला में बदल जाता है गैस्ट्रुला में आर्केनटोन गुहा सुविकसीत होते है तथा ब्लास्टोसील गुहा समाप्त हो जाती है आर्केनटोन गुहा एक ब्लास्तोपोर के द्वारा बाहर खुलती है|

Reproduction and Development in Balanoglossus - बेलेनोग्लोसस में प्रजनन और परिवर्धन, Balanoglossus me pariwardhan apratyaksh hota hai - Zoology answer

लार्वा का परिवर्धन - टोरनेरिया लार्वा की सर्वप्रथम खोज जे. मुलर ने सन 1850 में की थी वे इसे किसी स्टार फिश का लार्वा समझ रहे थे परन्तु Mets Chhikoff ने टोरनेरिया की वास्तविक प्रकृति बतायी की यह तो बेलेनोग्लोसस का लार्वा है, जल में निरंतर चक्करों में घुमाने के कारण ही इसका नाम टोरनेरिया पडा |

कायांतरण - टोरनेरिया कुछ समय तक स्वतंत्र रूप से जल में तैरता है तथा प्लेंकटोनिक जीवन व्यतीत करता है | कुछ समय बाद यह समुद्र तल में बैठ जाता है और अब इसमे कायांतरण होता है, कायांतरण के समय इसकी सभी सिलियेटेड बैण्ड लुप्त हो जाती है शरीर में डो संकीर्णन बन जाते है जिससे शरीर प्रोबोसीस कोलर और धड में विभाजित हो जाता है | धड वाला भाग लंबा हो जाता है और इस प्रकार से टोरनेरिया लार्वा एक प्रौढ़ बेलेनोग्लोसस में बदल जाता है |