Environment Project -  जैव विविधता की अवधारणा एवं प्रकार - Concept and Types of Biodiversity in Hindi 

जैव विविधता की अवधारणा एवं प्रकार - Concept and Types of Biodiversity

परिचय (Introduction)

पृथ्वी को हम जगत जननी के नाम से संबोधित करते है क्योकि पृथ्वी पर ही जीवन है | हमारा वैभवशाली जीवन प्रकृति की अनुपम देन है | हरे-भरे पेड़ पौधे विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, हवा, पानी, मिट्टी, पहाड़, झरने, सागर, महासागर ये सब प्रकृति ऐसे उपहार है जो हमारे विकास के लिए आवश्यक है तथा हमारी आर्थिक समृद्धि के प्राकृतिक स्त्रोत है | इन जैविक और अजैविक तत्वों से मिलकर पर्यावरण का निर्माण होता है, प्रकृति में पाए जाने वाले पेड़-पौधे एवं जीव-जन्तुओ के आकार प्रकार तथा संरचना में विविधता पायी जाती है |

जैव विविधता की अवधारणा एवं महत्व (Concept and Importance of Biodiversity)

जैव विविधता एक प्राकृतिक संसाधन है जो हमें जीवन की सुरक्षा प्रदान करता है, जैव विविधता हजारो, लाखो एवं करोडो वर्षो से चले आ रहे विकास की दें है| इस पृथ्वी पर लगभग 20 लाख जैव प्रजातिया उपलब्ध है और इनमे से कोई भी ऐसा कोई भी जीव नही है जो प्राकृतिक रूप से बेकार हो | सभी जीवो की अपनी अलग-अलग भूमिका होती है जो प्रकृति को संतुलित बनाए रखने में अपना योगदान देती है | जैव विविधता का उत्पादकता संबंधी व्यावहारिक एवं सामाजिक दृष्टी से महत्वा निम्नलिखित तथ्यों से प्राप्त होता है |

  •  विभिन्न प्रकार के खाद्यान, विभिन्न प्रकार की सब्जिया, फल, जलाने की लकड़ी, घर तथा फर्नीचर हेतु विविध वृक्ष, मांस, चमडा, दूध, घी, मक्खन, अंडे इत्यादि जैव विविधता की ही देन है |
  • भारतीय वनों से प्राप्त विभिन्न दुर्लभ जड़ी-बूटियों का विश्व के अनेक देशो में मांग है सर्पगंधा एक ऐसा पौधा है जिससे हार्ट अटैक की अत्यंत प्रभावी दवा बनती है |
  • विभिन्न प्रकार के उद्योगों के लिए कच्चा माल वनों से प्राप्त होता है जिससे छोटे उद्योग चलाये जाते है |
  • वनस्पतिया वायुमंडल की जहरीली गैस कार्बन डाई ऑक्साईड का अवशोषण कर ऑक्सीजन प्रदान करता है जिससे हम शरीर के अन्दर श्वसन क्रिया करते है |
  • प्राणी वनस्पतियों द्वारा उत्पादित भोजन को ग्रहण कर पर्यावरण में कार्बन डाई ऑक्साईड छोड़ते है जिसका उपयोग पौधे होजान बनाने में करते है इस प्रकार वनस्पतियों और प्राणियों के बीच सहजीविता का सम्बन्ध है|

जैव विविधता के प्रकार (types of biodiversity)

जैव विविधता अर्थात जीवो में व्याप्त विषमता, जटिलता और अंतर विभिन्न स्तरों पर हो सकती है | स्तर एक दुसरे से सम्बंधित होते है, किन्तु इन्हें पृथक से व्यक्त किया जा सकता है | जैव विविधता के निम्न प्रकार हो सकते है -

1) प्रजाति विविधता (species diversity): प्रजाति जीवो का एक ऐसा समूह है जिसमे एक सामान जीन समूह पाया जाता है | एक प्रजाति के जीव एक दुसरे से अत्यधिक समानता रखते है किसी एक विशेष प्रक्षेत्र के अंतर्गत उपस्थित प्रजातियों के मध्य पायी जानी वाली विविधताओं को प्रजातीय विविधता कहते है | इन प्रजातियों में जैव विकास के द्वारा नए जातियों के उत्पन्न करने की क्षमता पायी जाती है |

2) पारिस्थितिक विविधता (ecological diversity): जीव मंडल में कोई भी कभी भी अकेला नही रहता बल्कि उसके साथ जीवित तथा निर्जीव वस्तुए रहती जेनेटिक है | किसी स्थान पर उपस्थित सभी जीवित तथा निर्जीव वस्तुओ की एक साथ उपस्थिति पारिस्थितिक तंत्र कहलाता है पारिस्थितिकी विविधता के कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्रों का अध्ययन किया जाता है प्रत्येक पारिस्थितिक तंत्र के विशिष्ट प्रकार के जीव का संगठन पाया जाता है | यह जीवो का संगठन ही उस पारिस्थितिकी तंत्र की संरचना का निर्धारण करता है | पारिस्थितिकी तंत्र जल की एक बूंद से लेकर समुद्र तक और घास के छोटे मैदान से लेकर बहुत बड़े वन तक हो सकता है |

3) अनुवांशिक विविधता (Genetic diversity): एक ही प्रजाति में होने वाली विविधता को अनुवांशिक विविधता कहते है प्रत्येक जीव में जीन का एक समूह पाया जाता है और विभिन्न प्रकार के जीवो में विविध प्रकार के जीन समूह पाए जाते है | एक जीव के अनुवांशिक गुण में होने वाला परिवर्तन समस्त जीन समूह में परिवर्तन कर देता है और इसी परिवर्तन के फलस्वरूप नयी प्रजातिया उत्पन्न होती है |