Full Width CSS

कार्डेटा की उत्पत्ति पर टिप्पणी | Origin of the Chordata in Hindi

कार्डेटा की उत्पत्ति पर टिप्पणी

कार्डेटा जन्तुओ में तीन मुख्य लक्षण पाए जाते है और इन्ही तीन प्राथमिक लक्षणों के आधार पर इन्हें अकशेरुकी जन्तुओ से अलग किया गया है -

1.नोटोकार्ड की उपस्थिति (Presence of Notochord) - इसका निर्माण भ्रूणीय मीसोडर्म से होता है | यह एक लचीली छड के रूप में मस्तिष्क के कुछ भाग स्पाइनल कार्ड अथवा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के नीचे एवं आहारनाल केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र के पृष्ठीय सतह पर उपस्थित होता है | यह बड़ी-बड़ी कोशिकाओं का बना होता है एवं चारो तरफ संयोजी उत्तक का आवरण होता है | वयस्क में इसके स्थान पर स्पाइनल कार्ड के चारो तरफ कशेरुक दंड बन जाता है |

2. पृष्ठीय नालवत तंत्रिका रज्जू (Dorsal Tubolar Nervous System) - शरीर के मध्य पृष्ठीय भाग पर आहारनाल एवं नोटोकार्ड के मध्य खोखली नालवत संरचना के रूप में जंतु के जीवन के किसी न किसी अवस्था में उपस्थित होता है | इसकी गुहा को न्युरोसील (Neurocoel) कहते है |इसका अगला सिरा मस्तिष्क एवं पिछला संकरा भाग स्पाइनल कार्ड का निर्माण करता है |

3. ग्रसनीय क्लोम दरारे (Pharyngeal Gill Slits) - जीवन की किसी न किसी अवस्था में फैरिक्स की दीवार में गिल दरारे पायी जाती है | यह मुख्यतः श्वसन का कार्य करती है | स्थलीय कार्डेटा में यह वयस्क अवस्था में यह बंद हो जाती है |
कार्डेटा की उत्पत्ति पर टिप्पणी | Comment on the origin of the Chordata in Hindi


उपयुक्त तीनो मुख्य लक्षणों के अलावा कशेरुकी कुछ अन्य विशिष्ट लक्षणों मे भी अशेरुकियो से भिन्न होते है -

अन्य विशिष्ट लक्षण -

1. अधर ह्रदय (Ventral Heart) - पेशी युक्त ह्रदय जो अधर भाग में होता है तथा एक गुहा जिसे पेरीकार्डियल गुहा कहते है से घिरा होता है |

2. बंद रुधिर परिसंचरण तंत्र (Closed Blood Vascular System) - रुधिर, रुधिर वाहिकाओ एवं कोशिकाओ में निश्चित दिशा की ओर बहता है उसे बंद परिसंचरण तंत्र कहते है |

3. लाल रुधिर कणिकाए (Red Blood Corpuscles) - लाल रुधिर कणिकाओ में हिमोग्लोबिन उपस्थित होता है जिसके कारण रक्त का रंग लाल होता है |
4. पश्च गुदा पुच्छ (Posterior Anal Tail) - कोर्डेट्स जन्तुओ में एक ठोस, पेशीयुक्त, कंकालयुक्त पुच्छ गुदा के पीछे जीवन के किसी न किसी अवस्था में उपस्थित होता है | यह चलन में सहायता करता है |

5. नेत्र (Eyes) - संवेदी 

कार्डेटा की उत्पत्ति (Origin of Chordates) - सभी जन्तुओ में कार्डेटा जंतु श्रेष्ठ है एवं अधिक महत्वपूर्ण पाए माने   है | कार्डेटा प्राणी जल, थल व वायु तीनो प्रकार के वातावरण में पाए जाते है | इनकी अभी तक 80,000 जातिया ज्ञात है | कार्डेट्स अति प्राचीन प्राणीयो की जाति है | कार्डेटा की उत्पत्ति पेलियोजोइक महाकल्प (Palaeozoic era) के ऑर्डोविशियन कल्प (Ordovician Period) में हुई है क्योकि कार्डेटा जन्तुओ के सबसे पुराने जीवाश्म इसी कल्प की चट्टानों में पाए गए |

कार्डेटा की उत्पत्ति में निम्नलिखित सिद्धांत / परिकल्पनाए महत्वपूर्ण है -

1. एनीलिड परिकल्पना (Annelids Hypothesis) - इस परिकल्पना के अनुसार कार्डेटा की उत्पत्ति एनीलिड से हुई है | यह दोनों जन्तुओ में समानता पर आधारित है | दोनों में ही द्विपार्श्वीय एवं खण्डयुक्त शरीर तथा विकसित सिलोमिक गुहा पायी जाती है परन्तु इस मत को अधिक समर्थन प्राप्त नहीं है | शारीरिक, भ्रौणिकीय, जीवाश्मिकीय, जैव रासायनिक और सीरमीय प्राणों के आधार पर अनेक कार्यकर्ताओं ने यह स्थापित करने का प्रयत्न किया है कि कार्डेट्स संभवतया प्रत्यक्ष रूप से किसी आदिम इकाईनोडर्म या या किसी एकाईनोडर्म दिम्बक से उत्पन्न हुए है |

2. इकाईनोडर्म परिकल्पना (Echinoderm Hypothesis) - इस परिकल्पना का वैज्ञानिको ने समर्थन किया है | हेमीकार्डेटा में कार्डेटा लक्षणों के आरम्भ होने का संकेत मिलता है | हेमीकार्डेटा के टोरनेरिया लार्वा इकानोडर्म के बाईपिन्नेरिया लार्वा से समानता रखती है | वास्तव में जब टोरनेरिया को प्रथम बार खोजा गया तो भूलवश इसे इकाईनोडर्म  समझा गया | सर्वाधिक स्वीकार्य मत है कि जीवित इकाईनोडर्मस और जीवित कार्डेटा दोनों का संभवतया एक ही निकट सामान्य पूर्वज था | अतः हेमीकार्डेटा को प्रथम कार्डेटा मान सकते है | वैज्ञानिको ने निम्नलिखित पृष्ठावंश को मान्यता दी है - 

इकानोडर्म का ऑरिकुलर लार्वा 
हेमीकार्डेटा लार्वा
टयुनीकेट लार्वा 
ब्रैन्कियोस्टोमा (एम्फीऑक्सस)
आस्ट्रेकोडर्म (ऑर्डोविशियन कल्प) 
टेट्रापोडा


3. हेमीकार्डेटा परिकल्पना (Hemichordata Hypothesis) - इसका प्रबल महत्वपूर्ण प्रमाण है कि डयुटेरोस्टोमिया समूह की आरंभिक विकासीय अवस्था अवृंत्त या स्थानबद्ध थी | गिलछिद्रों से छिद्रित फेरिंक्स जो कार्डेट्स का एक विशिष्ट लक्षण है संभवतया स्थानबद्ध स्वभाव के प्रति अनुकूल भी हो सकता है | निसंदेह हेमीकार्डेट्स स्थानबद्ध है, और उनमे ग्रसनीय गिल्सछिद्र और एक खोखला पृष्ठ तंत्रिका रज्जू होते है | परन्तु उसमे वास्तविक नोटोंकार्ड की उपस्थिति संदेहात्मक है और उनकी वयस्क शारीरिक आयोजन वर्टिब्रेट्स से बिलकुल भिन्न है इसलिए किसी हेमीकार्डेटा का वर्टिब्रेट्स का संभावित पूर्वज होने की आशा असंभव प्रतीत होता है इसलिए हेमीकार्डेटा को एक स्वतंत्र पृथक संघ में रखा जाता है |

Related Questions:

फाइलम कार्डेटा के विशिष्ट गुणों का वर्णन, उनकी उत्पत्ति एवं अकशेरुकी जन्तुओ से मुख्य अंतरों का उल्लेख कीजिए ?

कार्डेटा की उत्पत्ति पर टिप्पणी लिखिए ?

फाइलम कार्डेटा के प्रमुख लक्षण लिखिए तथा उचित उदाहारण देते हुए वर्ग तक वर्गीकरण कीजिए ?

टिप्पणी लिखिए - ऐग्नैथा और ग्नैथोस्टोमेटा ?

ऐसे ही और विज्ञान के नोट्स के लिए हमारे पेज को बुकमार्क जरुर कर ले. धन्यवाद..