हॉर्मोन ग्राही अंग
हॉर्मोन्स अंत: स्रावी ग्रन्थियों से स्त्रावित होने के पश्चात् एक निश्चित समय तक ही सक्रिय या जीवित रहते हैं। कोशिकाओं के बाहर हॉर्मोन की क्रिया को सम्पादित करने के लिए विभिन्न प्रकार के ग्राही अंग (Receptor organs) होते हैं। सभी ग्राही अंग बहुत ही बड़े प्रोटीन होते हैं।
एक ग्राही अंग, एक हॉर्मोन के लिए विशिष्ट होता है और यह निर्धारित करता है कि किस प्रकार का हॉर्मोन एक विशेष ऊतक पर क्रिया करेगा। लक्ष्य कोशिकाओं में विशिष्ट ग्राही अंग (Specific receptor organs) पाये जाते हैं।
विभिन्न प्रकार के हॉर्मोन्स के लिए ग्राही अंग अलग-अलग स्थानों पर स्थित होते हैं -
(i) कोशिका झिल्ली की सतह पर यह मुख्यतः प्रोटीन, पेप्टाइड आदि के लिए होते हैं।
(ii) कोशिकाद्रव्य में- विभिन्न स्टीरॉइड हॉर्मोन्स के ग्राही अंग कोशिकाद्रव्य में स्थित होते हैं।
(iii) कोशिका केन्द्रक में थायरॉइड हॉर्मोन्स के ग्राही अंग कोशिका के केन्द्रक में पाये जाते हैं।
ग्राही अंगों की संख्या (Number of receptor organs)
लक्ष्य कोशिका में ग्राही अंगों की संख्या हर समय निश्चित नहीं रहती है। ये कभी स्वयं समाप्त हो जाते हैं एवं नये ग्राही अंगों का निर्माण किया जाता है। कुछ दशाओं में ग्राही अंगों के उच्च नियमन का कारण हॉर्मोन होते हैं इसी स्थिति में लक्ष्य ऊतक विकासीय रूप से हॉर्मोन के उत्प्रेरणीय प्रभाव के लिए अधिक संवेदी होता है। ग्राही अंगों की उत्पत्ति एवं विकास (Origin and evolution of receptor organs)
सभी ग्राही अंग प्रोटीन होते हैं, जो कि प्लाज्मा झिल्ली में स्थित होते हैं। इन्सुलिन ग्राही अंगों का जातिवृत्तीय अध्ययन यह प्रदर्शित करता है कि इसके सामान्य गुण विकास (Evolution) के समय हॉर्मोन्स की अपेक्षा अधिक संरक्षित होते हैं। हॉर्मोन्स के प्रति इन्सुलिन ग्राही अंगों के छोटे परिवर्तन, इन्सुलिन के उच्च स्तर को बनाए रखने के द्वारा पूरी की जाती है या फिर ग्राही अंगों की संख्या में वृद्धि की जाती है। इसके विपरीत स्टीरॉइड ग्राही अंग के द्वारा अपनी संरचना में अधिक परिवर्तन दशति हैं। ग्राही अंगों की कार्यिकी में परिवर्तन आनुवंशिक परिवर्तनों को सीधे निवेशित नहीं करते हैं। जातीय इतिहास (Ontogeny) के समय हॉर्मोन्स का स्तर ग्राही अंगों के विकास को प्रभावित करता है। अतः विकास (Evolution) के कारण ग्राही अंगों की संरचना में परिवर्तन ही विशिष्ट अनुकूलन के लिए कारण नहीं होता है।