ओवन पर टिप्पणी (Comments on Oven in Hindi)

ओवन (Oven)

ओवन की बनावट (Structure of Oven)

प्रयोगशाला ओवन एक ऐसा उपकरण है, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को गर्म पर्यावरण में रखने के लिये किया जाता है। ओवन के अन्दर एक समान (Uniform) तापमान उत्पन्न होता है तथा इसमें ताप को नियंत्रित करने की एक प्रक्रिया होती है जिसके द्वारा एक निश्चित तापमान पर सामग्रियों को गर्म करने, उनका निजमकरण (Sterilization) करने, सामग्रियों से जल का वाष्पीकरण करने तथा बेकिंग (Baking) करने के लिये किया जाता है। लैबोरेटरी ओवन का उपयोग प्रायः अधिकांश प्रयोगशालाओं, जैसे- शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान संस्थानों, क्लीनिकल प्रयोगशालाओं, फोरेंसिक एवं मटेरियल प्रोसेसिंग प्रयोगशालाओं में किया जाता है। प्रत्येक ओवन एक खोखला बॉक्स होता है जिसमें तापमान की नियंत्रण प्रणाली युक्त एक हीटिंग चेम्बर होता है। इसी चेम्बर में सामग्रियों को रखकर वांछित कार्य पूर्ण किया जाता है।

प्रयोगशाला ओवन के प्रकार (Types of Laboratory Oven)

उपयोगिता एवं किये जाने वाले कार्यों के आधार पर निम्न प्रकार के प्रयोगशाला ओवन उपलब्ध हैं -

1. हॉट एयर ओवन (Hot air oven) – यह एक ऐसा ओवन है, जिसमें शुष्क ऊष्मा (Dry heat) का उपयोग प्रयोगशाला उपकरणों एवं अन्य सामग्रियों की हीटिंग, शुष्कन एवं निजमकरण करने के लिये किया जाता है। इस ओवन को फोर्स्ड एयर सर्कुलेटरी ओवन (Forced air circulatory oven) भी कहा जाता है। इसमें गर्म हवा को सर्कुलेट करने के लिए ब्लोअर या पंखे लगे होते हैं। ये ओवन दो प्रकार के होते हैं -

(I) साधारण हॉट एयर ओवन (Simple hot air overn) - इस हॉट एयर ओवन में तापमान का नियंत्रण एक घुण्डी से किया जाता है तथा इसमें तापमान के डिजिटल डिस्प्ले (Digital display) की व्यवस्था नहीं होती है।

(ii) स्टैण्डर्ड डिजिटल हॉट एयर ओवन (Standard digital hot air oven) - इन हॉट एयर ओवन में तापमान के नियंत्रण एवं डिस्प्ले (Display) के लिए डिजिटल डिस्प्ले यूनिट लगी होती है। इसमें तापमान की एक्यूरेसी को नियंत्रण किया जा सकता है तथा यह अपेक्षाकृत सुरक्षित होता है।

2. वैक्स मेल्टिंग ओवन (Wax melting oven) - ऐसे ओवन का उपयोग प्रयोगशालाओं में मोम को पिघलाने के लिये किया जाता है। पिघले हुए मोम का उपयोग ऊतकों एवं कोशिकाओं की औतिकी के अध्ययन हेतु आवश्यक स्थायी स्लाइड बनाने में किया जाता है।

3. हॉट बॉक्स ओवन (Hot box oven) - ऐसे ओवन का उपयोग वहाँ पर किया जाता है जहाँ पर तापमान की एक्यूरेसी (Accuracy) की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें सामान्यतः सामग्री की बेकिंग की जाती है।

4. हाई टेम्परेचर ओवन (High temperature oven) -  ऐसे ओवन में सामान्यत: 500°C से अधिक तापमान का उपयोग किया जाता है। अतः इसके कैबिनेट एवं दरवाजे में अतिरिक्त इन्सुलेशन की व्यवस्था रहती है। ऐसे ओवन का उपयोग एयरोस्पेश उद्योग में किया जाता है।

5. निवत् ओवन (Vacuum oven) - ऐसे ओवन्स का उपयोग ऐसी सामग्रियों के लिये किया जाता है जिसे निष्क्रिय (Inert) वातावरण की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के ओवन्स का उपयोग फोरेंसिक लैबोरेटरी में किया जाता है।

6. ग्रैविटी कन्वेक्शन ओवन (Gravity convection oven) - ऐसे ओवन्स का उपयोग जैविक प्रयोगशालाओं में लैब की सामग्रियों या उपकरणों (Labwares) से माइक्रोबायोलॉजिकल सन्दूषकों (Contaminants) को दूर करने के लिये किया जाता है।.

टीप-महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाओं में सर्वाधिक उपयोग में आने वाला ओवन, हॉट एयर ओवन होता है।

प्रयोगशाला ओवन के उपयोग (Uses of Laboratory Oven)

प्रयोगशालाओं में ओवन का उपयोग निम्नलिखित कार्यों को पूर्ण करने के लिये किया जाता है -

1. शुष्कन या निर्जलीकरण (Drying or Dehydration) - ओवन का उपयोग प्रयोगशालाओं में सामान्यत: जैविक सैम्पलों को सुखाकर उससे नमी हटाने के लिये किया जाता है।

2. निजमकरण (Sterilization) -
ओवन का उपयोग प्रयोगशालाओं में उपकरणों एवं काँच की सामग्रियों का निजमकरण करने के लिये किया जाता है। यह कार्य हॉट एयर ओवन्स में पूर्ण किया जाता है। निजमकरण हेतु 45 से 60 मिनट तक 160°C पर उपरोक्त सामग्रियों को ओवन में रखा जाता है।

3. वाष्पीकरण (Evaporation) - ओन का उपयोग प्रयोगशालाओं में सान्द्रित विलयन प्राप्त करने के लिये विलयन से अतिरिक्त सॉल्वेन्ट (Solvent) को वीकृत करने के लिये भी किया जाता है। इसके साथ साथ विलयनों के मेल्टिंग बिन्दु का मापन करने में भी यह उपयोगी होता है।

4. एनीलिंग (Annealing) - औषन का उपयोग धातुओं या काँच से आन्तरिक स्ट्रेस (Stress) को दूर करने तथा उसे कठोरता (Toughen) प्रदान करने के लिये किया जाता है। इस कार्य हेतु धातु या काँच को उच्च ताप पर औषन में गर्म करने के पश्चात् उसे धीरे-धीरे ठंडा किया जाता है।

हॉट एयर ओवन (Hot air Oven)

हॉट एयर ओवन एक ऐसा औषन है, जिसमें प्रयोगशाला उपकरणों एवं अन्य सामग्रियों का निजमकरण करने के लिये शुष्क कृष्णा (Dry heat) का उपयोग किया जाता है। इसे फोसूंड एयर सर्कुलेटरी ओवन (Forced air circulatory oven) भी कहते हैं। इस ओवन में गर्म हवा को सर्कुलेट करने के लिये ब्लोअर (Blower) या पंखे लगे होते हैं।

हॉट एयर औषन का उपयोग प्रयोगशाला में काँच के उपकरणों, धातु से बने डिवाइसेस (Devices) तथा अन्य ठोस सामग्रियों का निजमकरण करने के लिये किया जाता है। इस ओवन के द्वारा उपकरणों में उपस्थित सूक्ष्मजीयों का विनष्टीकरण उनमें उपस्थित रासायनिक संघटकों के ऑक्सीकरण के कारण होता है। इसके द्वारा किसी पदार्थ को सुखाने की प्रक्रिया भी तेजी से होती है।

इस ओवन के आधारीय भाग में हीटिंग एलीमेन्ट (Heating element) इस प्रकार से फिट किया हुआ होता है कि ओवन के आन्तरिक प्रकोष्ठ की होटिंग एक समान (Uniformely) होती है। यह ओवन विद्युत स्विच ऑन करते ही अपना कार्य प्रारंभ कर देता है।

हॉट एयर ओवन का उपयोग करके ड्राई हीट स्टेरीलाइजेशन (Dry heat sterilization) की प्रक्रिया का विकास सर्वप्रथम लुईस पाश्चर (Louis Pasteur) ने किया था। हॉट एयर ओवन में तापमान की सीमा 50 से 300°C तक होती है। इसका नियंत्रण एक तापमान नियंत्रक (Temperature regulator) के द्वारा किया जाता है।

हॉट एयर ओवन के भाग एवं उनके कार्य (Components of Hot Air Oven and its Functions)

हॉट एयर ओवन निम्नलिखित भागों से मिलकर बना होता है -

1. बाह्य कैबिनेट (External cabinet) -
यह स्टेनलेस स्टील की शीट से बना होता है तथा यह आन्तरिक कैबिनेट को बन्द करके रखता है।

2. आन्तरिक कैबिनेट (Inner cabinet) -
यह कैबिनेट बाह्य कैबिनेट के नीचे कुछ दूरी पर होता है। यह कैबिनेट भी स्टेनलेस स्टील का बना होता है।

3. ग्लास वूल इन्सुलेटर (Glass wool insulator) -
बाह्य एवं आन्तरिक कैविनेट या प्रकोष्ठ के मध्य उपस्थित रिक्त भाग में ग्लास बूल (Glass wool) भरा होता है। यह हॉट एयर ओवन का इन्सुलेशन करके ऊष्मा की हानि को रोकता है।

4. ट्यूब्यूलर एयर हीटर (Tubular air heater) -
ओवन के चेम्बर के अन्दर दोनों ओर एक-एक ट्यूब्यूलर एयर हीटर लगा होता है। ये हीटर ओवन के चेम्बर के अन्दर ऊष्मा उत्पन्न करते हैं।

5. मोटर ड्राइवेन ब्लोवर या फैन (Motor driven blower or fan) -
ओवन के अन्दर एक ब्लोवर या फैन लगा होता है। यह ब्लोवर ओवन के अन्दर गर्म वायु का सर्कुलेशन करके सम्पूर्ण चेम्बर में एक समान तापमान बनाये रखता है।

6. तापमान सेंसर (Temperature sensor) -
यह सेंसर ओवन के अन्दर के तापमान को सेंस करके कन्ट्रोलर स्क्रीन पर तापमान को प्रदर्शित करता है।

7. ट्रे स्लॉट्स (Tray slots) -
ओवन के अन्दर दोनों पार्श्व में उपस्थित आन्तरिक कैबिनेट में ट्रे को रखने के लिए कई स्लॉट्स (Slots) बने होते हैं।

8. PID तापमान नियंत्रक (PID temperature controller)
- यह नियंत्रक स्विच चालू करने के पश्चात् ओवन के अन्दर एक निश्चित तापमान को बनाये रखता है। यह तापमान का नियंत्रण करने के साथ-साथ तापमान को प्रदर्शित भी करता है।

9. लोड सूचक (Load indicator) -
इससे हॉट एयर ओवन के लोड एवं ओवरलोड की जानकारी प्राप्त होती है।

10. मुख्य ऑन / ऑफ स्विच (Main on/off switch)
- इसकी सहायता से ओवन में विद्युत् आपूर्ति चालू तथा बन्द की जाती है।

11. थर्मोस्टेट (Thermostate) -
इसे ओवर टेम्परेचर प्रोटेक्शन डिवाइस (Over temperature protection device) भी कहते हैं। थर्मोस्टेट के कारण ही हॉट एयर ओवन का तापमान स्थिर बना रहता है। थर्मोस्टेट एक तापमान नियंत्रक डिवाइस है, जो कि चेम्बर के अन्दर के तापमान को सेंस करता है तथा यह ओवन के अन्दर सेट किये गये तापमान को स्थिर बनाये रखता है। तापमान बढ़ने पर यह बन्द हो जाता है तथा तापमान कम होने पर यह पुनः अपने आप चालू हो जाता है।

हॉट एयर ओवन का कार्यकारी सिद्धान्त (Working Principle of Hot Air Oven)

हॉट एयर ओवन में विद्युतधारा प्रवाहित करने पर उसमें उपस्थित ट्यूब्यूलर होटर के द्वारा ओवन के चेम्बर में ऊष्मा उत्पन्न होती है। यह ऊष्मा अन्दर की वायु को गर्म कर देती है। यह गर्म हवा ब्लोवर के द्वारा ओवन के अन्दर समान रूप से प्रवाहित होती है। हम जानते हैं कि गर्म हवा ऊपर की ओर जाती है। अत: ओवन के अन्दर भी गर्म हवा ऊपर की ओर बढ़ती है तथा वह ओवन के अन्दर के ऊपरी भाग पर जाने के पश्चात् पुनः आधारीय भाग की ओर वापस आती है। सर्कुलेटिंग फैन इस गर्म हवा को पूरे चेम्बर में समान रूप से वितरित कर ओवन के अन्दर का तापमान एक समान बनाये रखते हैं। उपकरणों का निजमकरण अथवा शुष्कन करते समय एक निश्चित तापमान पर इन्हें ओवन के अन्दर लगभग दो घण्टे या वांछित अवधि तक रखा जाता है। निजमकरण या शुष्कन पूर्ण होने के पश्चात् सामग्री को ठंडा होने के पश्चात् ही बाहर निकाला जाता है।

हॉट एयर ओवन के उपयोग (Uses of Hot Air Oven) 

1. हॉट एयर ओवन का उपयोग ठोस उपकरणों, काँच के उपकरण (जैसे-पेट्रीडिश, फ्लास्क, पीपेट एवं टेस्ट ट्यूब, आदि), तेल या नमीयुक्त पाउडर (जैसे-स्टार्च, जिंक ऑक्साइड, सल्फाडायजिन, आदि) तथा धात्विक उपकरण (जैसे-स्कैलपेल्स, कैंची एवं ब्लेड आदि) का निजमकरण करने के लिये किया जाता है।

निजर्मीकरण के लिये ओवन में रखने के पूर्व काँच के उपकरणों को पूरी तरह सुखा लिया जाता है अन्यथा इनके टूटने का डर बना रहता है। इसी प्रकार निजमकरण के लिए ओवन में रखने के पश्चात् भी काँच के गर्म उपकरणों को भी ठण्डा होने के उपरान्त ही ओवन से बाहर निकालना चाहिये क्योंकि बाहरी वातावरण के तापमान और काँच की सामग्री के ताप में अन्तर होने से भी इनके टूटने का खतरा बना रहता है।

2. हॉट एयर ओवनों का उपयोग सूक्ष्मजीवों एवं जीवाणु के बीजाणुओं को नष्ट करने में भी किया जाता है।

3. हॉट एयर ओवन का उपयोग पादप नमूनों को सुखाने के लिये भी किया जाता है।

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