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वृक्क द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन्स एवं उनके कार्य - Hormones secreted by kidneys and their functions in Hindi

वृक्क द्वारा स्त्रावित हॉर्मोन्स एवं उनके कार्य 

हॉर्मोन का स्रावण अंतःस्रावी ग्रंथियों के अलावा कुछ अन्य अंगों द्वारा भी होता है। उदाहरण के लिए हृदय की आलिंद भित्ति द्वारा एक पेप्टाइड हॉर्मोन का स्राव होता है जिसे एट्रियल नेट्रियुरेटिक कारक (ए एन. एफ.) कहते हैं। यह रक्त दाब को कम करता है। जब रक्त दाब बढ़ जाता है तो ए. एन.एफ. के स्राव और इसको क्रिया के फलस्वरूप रक्त वाहिकाएँ विस्तारित हो जाती है तथा रक्त दाब कम हो जाता है।वृक्क की जक्स्टाग्लोमेरूलर कोशिकाएँ इरिथ्रोपॉइटिन नामक हॉर्मोन का उत्पादन करती है जो रक्ताणु उत्पत्ति (लाल रक्त कणिका निर्माण) को प्रेरित करता है। जठर आंत्रीय पथ के विभिन्न भागों में उपस्थित अंत:- स्रावी कोशिकाएँ चार मुख्य पेप्टाइड हॉर्मोन का स्राव करती हैगैस्ट्रिन सीक्रेटिन कोलीसिस्टोकाइनिन एवं जठर अवरोधी पेप्टाइड (जी. आई. पी.) । गैस्ट्रिन, जठर ग्रंथियों पर कार्य कर हाइड्रोक्लोरिक अम्ल व पेप्सिनोजेन के स्राव को प्रेरित करता है। सिक्रेटिन, बहिःस्रावी अग्नाशय पर कार्य करता है और जल बाइकार्बोनेट आयनों के स्राव को प्रेरित करता है। कोलीसिस्टोकाइनिन अग्नाशय और पित्ताशय दोनों पर कार्य कर क्रमश:: अग्नाशयी एंजाइम व पित्त रस के स्राव को प्रेरित करता है। जी.आई.पी. जठर स्राव व उसकी गतिशीलता की अवरुद्ध करता है। उनके अन्य ऊतक, जो अंतःस्रावी नहीं हैं, कई हॉर्मोन का स्राव करते हैं। जिन्हें वृद्धिकारक कहते हैं। ये वृद्धिकारक ऊतकों की सामान्य वृद्धि और उनकी मरम्मत व पुनर्जनन के लिए आवश्यक है।मनुष्य में आमाशय के ठीक पीछे उदर प्रकोष्ट में पृष्ठीय माँसपेशियों से जुड़ा दो वृक्क (Kidney) पायी जाती है। ये सेम के बीज के आकार का तथा लाल रंग का होता है यह भ्रूण के मोजोडर्म से विकसित होता है। इनका प्रमुख कार्य रक्त को साफ करना है तथा शरीर से नाइट्रोजनी पदार्थ का उत्सर्जन करना होता है परन्तु इनकी कोशिकाओं द्वारा कुछ हॉर्मोन्स का स्त्रावण किया जाता है जो निम्न है-(i) रेनिन (Rennin) - यह हॉर्मोन्स किडनी के जक्सटा ग्लोमेरुलर कोशिकाओं द्वारा स्रावित होता है। इसका आण्विक भार 57,000 होता है। रेनिन यकृत द्वारा उत्पादित प्लाज्मा, प्रोटीन एन्जिओटेन्सीनोजेन को एन्जिओटेन्सिन में बदल देता है। फेफड़ों में यह ऐन्जिओटेन्सिन- II में बदल जाता है रेनिन सबसे पहले प्लाज्मा ca-2 ग्लोब्युलिन में बदलकर अन्त में ऐन्जिओटेन्सिस - II में बदल जाता है। इस हॉर्मोन का प्रमुख कार्य धमनियों का संकुचन कर रक्तदाब बढ़ाना एवं वेसोप्रोसिन हॉर्मोन एवं ACTH हॉर्मोन के स्राव में वृद्धि करना होता है। इसके अलावा रेनिन का कार्य लवण व पानी को शरीर में रोके रखता है तथा धमनियों में रक्त दाब को बढ़ाता है। यह हॉर्मोन हृदय स्पंदन की दर को बढ़ाकर और धमनियों को सिकोड़कर रक्त दाब बढ़ाता है।(ii) इरिथ्रोपोइटीन (Erythropoietin) – यह एक पॉलीपेप्टाइड हॉर्मोन होता है यह अस्थि मज्जा (Bone marrow) पर क्रिया करता है यह लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण को उत्प्रेरित करता है। यह श्वेत रक्त कणिकाओं को प्रभावित नहीं करता है। इसका अणुभार 34,000 होता है यह एक ग्लाइकोप्रोटीन होता है। यह पॉलीपेप्टाइड हॉर्मोन अत्यधिक मात्रा में पूर्णतया किडनी के द्वारा स्रावित होता है। इस हॉर्मोन को इरिथ्रोजेनिन (Erythrogenin) के नाम से भी जाना जाता है। यह किडनी के हल्के माइटोकॉण्ड्रियल अंशों के सार तथा ग्लोमेरुलर भागों में पाया जाता है कुछ अंशों में इरिथ्रोप्रोटीन यकृत में भी बनता है। किडनी की ग्लोमेरुलर भाग की मेसेजियल कोशिकाएँ जब कम ऑक्सीजन की सान्द्रता से उत्प्रेरित होती है तब अत्यधिक मात्रा में इरिथ्रोप्रोटीन हॉर्मोन को स्रावित किया जाता है। इसकी स्थिति ग्लोमेरुलर कोशिकाओं के पास होने पर यह निश्चित होता है। इनका प्रमुख कार्य लाल रक्त कणिकाओं के उत्पादन में वृद्धि करना तथा इरिथ्रोब्लास्ट स्तम्भ कोशिकाओं के विकास को प्रोत्साहित करना है। यह हॉर्मोन लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन के उत्पादन में सहायक होता है।