पिनीयल काय पर टिप्पणी - Comments on Pineal Body in Hindi
पिनीयल काय (Pineal Body)
यह ग्रन्थि अग्र मस्तिष्क में डायनसेफैलान की मध्य पृष्ठ सतह पर एक खोखले वृन्त पर स्थित होती है। यह सफेद, छोटी, चपटी ग्रन्थि है, जिसकी उत्पत्ति भ्रूण के मस्तिष्क से होती है। यह दो प्रकार की कोशिकाओं की बनी होती है। पहली कोशिकाएँ पिनोयलोसाइट्स कहलाती हैं, जो तन्त्रिका कोशिकाओं के रूपान्तरण से बनती हैं और दूसरी इनको सहारा देने वाली कोशिकाएँ अन्तराली कोशिकाएँ कहलाती हैं।
इस ग्रन्थि द्वारा एक हॉर्मोन मिलैटोनिन (Melatonin) का स्रावण किया जाता है, जो एक अमीनो अम्ल है। निम्न कशेरुकियों में यह हॉर्मोन मिलैनोफोर्स वर्णक पर पीयूष ग्रन्थि के मिलैनोसाइट प्रेरक हॉर्मोन (M.S.H.) के विपरीत प्रभाव डालता है। इसके प्रभाव से मिलैनोफोर्स के रंगा कण इनके केन्द्रीय भाग में जमा हो जाते हैं, जिससे जीव की त्वचा का रंग हल्का हो जाता है। स्तनियों तथा मनुष्यों में यह हॉर्मोन जननांगों के विकास में अवरोध पैदा करता है। चूहों की पिनीयल काय हटा देने से इनके जनद बड़े हो जाते हैं और यौवनावस्था जल्दी आ जाती है तथा ये सम्भोग की इच्छा व्यक्त करते हैं। यह ग्रन्थि लैंगिक विकास को प्रकाश की विविधताओं के अनुसार नियन्त्रित करके जैविक घड़ी (Biological clock) का कार्य करती है। इसी कारण यह माना जाता है कि जन्म से अन्धे बच्चों में लैंगिक परिपक्वता जल्दी हो जाती है, क्योंकि इनमें प्रकाश उद्दीपन के अभाव के कारण मिलैटोनिन का समुचित स्त्रावण नहीं होता।