Full Width CSS

हॉर्मोन की क्रियाविधि पर टिप्पणी - Comments on Mechanism of Hormone Action in Hindi

हॉर्मोन की क्रियाविधि (Mechanism of Hormone Action)

हॉर्मोन की क्रियाशीलता जोन स्तर पर कोशिकीय कला स्तर पर या नियंत्रण- पुनर्निवेशन प्रक्रिया द्वारा नियमन प्रदर्शित करती है।(i) जीन स्तर पर नियमन (Regulation at gene level) - इसके प्रदर्शन करने वाले हॉर्मोन कोशिकाओं में प्रत्येक करने के बाद उसके केन्द्रक में अन्तर्वेशित हो जाता है जहाँ ये अनेक निष्क्रिय जीन्स (Inactive genes) को mRNA बनाने के लिए सक्रिय करते हैं इतना ही नहीं आवश्यकतानुसार सक्रिय जीन्स को निष्क्रिय भी बनाते हैं। mRNA की प्रकृति के अनुसार कोशिकाओं में प्रोटीन तथा एन्जाइम का संश्लेषण होता है। संश्लेषित होने वाले एन्जाइम कोशिका में चलने वाले उपापचयी क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। जोन स्तर पर नियमन एस्ट्रोजन हॉर्मोन्स द्वारा होता है।(ii) कोशिकीय कला स्तर पर नियमन (Regulation at cell membrane level) - इसके प्रदर्शन करने वाले हॉर्मोन प्लाज्मा झिल्ली से जुड़कर उसके एन्जाइम तंत्र को प्रभावित करते हैं तथा कोशिका झिल्ली में स्थित महत्वपूर्ण एन्जाइम एडीनील साइक्लेज (Adenyl cyclase) को ATP के विघटन के लिए अभिप्रेरित करते हैं ATP के विघटन से विमुक्त होने वाली ऊर्जा विभिन्न उपापचयी क्रियाओं में प्रयुक्त होता है यह प्रक्रिया इपोनेफ्रिन नामक हॉर्मोन द्वारा ग्लाइकोजेन से ग्लूकोज के निर्माण के क्रम में अपनायी जाती है। इपोनेफ्रिन के प्रभाव से 1-2 मिनट में ग्लूकोज के करोड़ों अणु एक से दो मिनट में ही बन जाते हैं।(iii) नियंत्रण पुनर्निवेशन प्रक्रिया (Feedback control mechanism) - इसके तहत् हॉर्मोन की क्रियाशीलता भी कुछ हॉर्मोन द्वारा प्रदर्शित की जाती है जैसे - जिस प्रकार कोशिकाओं के अंदर कोई भी उपापचयी पदार्थ का निर्माण तभी तक होता है। जब तक उसकी उपलब्धता उस उपापचयी पदार्थ की अधिकतम आवश्यकता से कम होती है अन्यथा उसकी उपलब्धता आवश्यकता से अधिक होने पर उसका उत्पादन उसी के द्वारा निरुद्ध हो जाता है जीवों के अन्तःस्रावी ग्रन्थियों द्वारा हॉर्मोन का स्रावण एक निश्चित दर पर होता है। वातावरण में परिवर्तन के अनुसार हॉर्मोन के स्त्रावण की दर घटती-बढ़ती रहती है। लक्ष्य कोशिकाओं पर हॉर्मोन का कार्य समाप्त हो जाता है तो रक्त में उसके उत्पाद की सान्द्रता बढ़ने लगती है इसके फलस्वरूप अन्तःस्त्रावी ग्रन्थि द्वारा उस हॉर्मोन का स्रावण अपेक्षाकृत कम हो जाता है इसी प्रकार जब लक्ष्य कोशिकाओं द्वारा हॉर्मोन का उपयोग होने लगता है तो रक्त में इसकी सान्द्रता कम हो जाती है जिसके कारण हॉर्मोन की आवश्यकता प्रदर्शित होने लगती है। इस स्थिति में हॉर्मोन का स्रावण होने लगता है। इस प्रकार हॉर्मोन का स्रावण व निरोधण चलता रहता है। इस प्रकार की पुनर्निवेशन प्रक्रिया थायरॉक्सिन (Thyroxin) नामक हॉर्मोन की क्रियाशीलता में आसानी से प्रदर्शित होती है।