कोशिका का सिद्धांत
कोशिका का सिद्धांत संबंधित है जीव विज्ञान और कोशिका विज्ञान के अध्ययन के साथ। इसके अनुसार, कोशिका एक जीवनीय इकाई है जो जीवों की सबसे छोटी इकाई होती है और जीवन की सभी महत्वपूर्ण क्रियाएं करती है। कोशिका संरचना, उत्पत्ति, विकास, विभाजन, कार्यों का नियंत्रण, एवं उत्पादन की प्रक्रियाएं को नियंत्रित करती है।
कोशिका का सिद्धांत मूल रूप से दो प्रमुख पहलुओं पर आधारित है - सेल सिद्धांत और सामान्यतः विकसित कोशिका सिद्धांत।
1. सेल सिद्धांत: सेल सिद्धांत का अर्थ है कि सभी जीवों में कोशिका सबसे छोटी जीवनीय इकाई है और जीव के सभी कार्यों का मूल निर्माण तत्व है। यह सिद्धांत 17वीं शताब्दी में रॉबर्ट हूक (Robert Hooke) द्वारा प्रस्तुत किया गया था, जब उन्होंने कोशिकाओं को दर्शाने वाले तरल वस्तु के तह से गुजरते हुए मिक्रोस्कोप के माध्यम से उन्हें देखा।
2. सामान्यतः विकसित कोशिका सिद्धांत: यह सिद्धांत कहता है कि सभी जीवों के अंदर कोशिकाएं मौजूद होती हैं, जो जीवनीय क्रियाओं को संचालित करती हैं। यह सिद्धांत 19वीं शताब्दी में मत्तियु श्वान (Matthias Schleiden) और थियोडोर श्वान (Theodor Schwann) द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इसके अनुसार, सभी जीवों के कोशिकाएं विशिष्ट संरचनात्मक और क्रियात्मक विशेषताओं के साथ बनी होती हैं।
इन दो सिद्धांतों के संयोग से हमें कोशिका के संरचनात्मक और कार्यात्मक पहलुओं का विशेष अध्ययन होता है और कोशिका विज्ञान की महत्वपूर्ण बातों का पता चलता है।